ज्ञान धर्म की तरफ मेरा ध्यान बड़ता जा रहा है। जीवन का सच्चा अर्थ हमे समझ आ रहा है। बिना धर्म के मुक्तिपथ हमें मिल नहीं सकता। इसलिए हर कोई धर्म से जोड़ता जा रहा है।। जब से तुम आये हो इस संसार में। तब से लेकर अबतक तुमने किया […]

समय नही है भाई अब कह नही सकते स्वयं को स्वयं से दूर कर अब रह नही सकते जो समय मिला है उसे सार्थक बना लो प्रभु याद में रहते हुए घर को मंदिर बना लो सबसे से पहले मन की साफ सफाई कीजिए जो द्वेष भाव बसे है उन्हें […]

हे मातृभूमि ! भारत माता, तुमको शत शत करें नमन। प्रेम से हम सब शीश झुकाएं, श्रृद्धा सुमन करें अर्पण। तुम पर न्योछावर माता मेरी, ये तन मन , सारा जीवन। हरा भरा है आंचल तेरा मां , जिसको लहराए मस्त पवन। सागर तेरे मां चरण पखारें, है मुकुट हिमालय […]

बुजुर्ग घर की रौनक बढाते है घर का रक्षा कवच कहलाते है बुजुर्ग अनुभव का खजाना है बहुत खलता उनका जाना है जीवनपर्यंत उन्हें सम्मान दो उनकी इच्छा को अधिमान दो खराब नक्षत्र ठीक हो जायेगे बिगड़े सारे काम बन जायेगे बुजुर्ग सेवा का फल मिलता है घर का कोना […]

मैं और मेरे मे भेद है भारी आत्मा हूँ मैं और शरीर बाहरी मैं हूं एक ज्योति बिंदु आत्मा उसी रूप मे मिलते परमात्मा शरीर मेरा रथी कहलाता आत्म ऊर्जा से जीवन नाता देहाभिमान मे रहना छोड़ो आत्म बोध का मधुर रस घोलो विदेहीपन मे जो खो गया वही परमात्मा […]

बादल बरस-बरस कर थम गये थे, भादो खत्म होने को थी | कुसुमप्यारी अपने झोपड़े को लीप-पोत रही थी | उसका खसम (पति) नीम के पेड़ के नीचे टूटी खटिया पर पड़ा-पड़ा खाँस रहा था | कुसुमप्यारी के ब्याह को अभी मुश्किल से पूरे तीन वरस भी नहीं हुए थे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।