जिस मां ने हमको जन्म दिया उस मां का माने हम उपकार वह माँ धरा पर सबसे न्यारी उसे बार बार करें हम प्रणाम मां के रूप में ममतामयी छांव दूर कर देती दुःख के हर घाव सदा भला वह हमारा चाहती हमारी खुशी में ही खुश रहती नवाजो चरणों […]

प्यार इतना मिला इतनी चाहत मिली रूप माँ बाप में सारी दौलत मिली हाथ जब जब कभी मेरे सर पर रखा जमाने की खुशियाँ बदौलत मिली आँखों में आँसुओं की जगह ही नहीं हा रब से हमे इतनी बरकत मिली ख़ुदा गॉड ईश्वर मालिक एक है मैंने पूछा तो दुनियां […]

रदीफ़ – पर्दा काफ़िया- अर 1212 1122 1212 22 पड़ा हुआ था ये कबसे सनम इधर पर्दा उड़ा गयी है हवा आज ये किधर पर्दा। तेरा मयार नमूदार हो न जाये कहीं बना ले अपनी हया के लिये नज़र पर्दा। है इब्तिदा ये मुहब्बत की फूल की तरहा छिपा-छिपा सा […]

कांटों भरी हैं जीवन की राहें, आशाएं नजर ना आएं। उलझन भरा है ये जीवन सारा, मिले ना सुकून की बाहें । लेकर खंजर खड़े हैं अपने, किस पर भरोसा जताएं। उम्मीदें लगाएं बैठे हैं जिनसे, वो ही हमें तड़पाएं। मांगे कभी जो मदद किसी से, वो राहों में कांटे […]

पहले शासक भेष बदलकर आमजनता के बीच जाते थे किसकी, क्या, समस्या है मौके पर देखकर आते थे अब शासक आमजनता से बेहद की दूरी बनाता है आमजनता के बीच जाने पर खाकीवर्दी बीच मे लाता है आमजन तो मिल ही नही पाते खास भी धकियाये जाते है जो अधिकारियों […]

बदल जाती है तारीखें यहाँ वक्त भी हरदम बदल जाता यहाँ अपने अपने ना रह पाते यहाँ तो भला गैरों से शिकवा कैसा? मुलाकात होकर भी बात नही होती साथ रहकर भी एहसास नही होता बयां करके भी खामोशी नही टूटती तो भला नादानों से शिकवा कैसा? बादल होकर भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।