जा रहा हूँ, मैं हूँ साल दो हज़ार बीस, क्षमा करना, नफ़रत स्वाभाविक है, छीना जो है बहुत कुछ, बच्चों से पिता को, बहन से भाई को, पत्नी से पति को, ना जाने कितने रिश्तों से रिश्तों को, कारोबार, ऐशो आराम, सुख चैन, फ़ेहरिस्त लंबी है, द्वेष है, क्रोध है, […]

देखकर आपकी तस्वीर दिल बैचैन हो उठा। लगा आँखो से एक तीर दिलको घायल कर गया। जो भी देखते होंगे तुम्हें दिवाने वो हो जाते होंगे। और ख्यालो में वो सब न जाने क्या-२ सोचते होंगे।। बहुत गहराई है तुम्हारी प्यारी प्यारीआँखो में। और बहुत कुछ बाते है तुम्हारे प्यारे […]

पंचतत्व का शरीर है यह रखिए इसका मन से ख्याल तन के लिए व्यायाम करो मन के लिए कीजिए ध्यान आत्मा का रथ तन है यह स्वस्थ शरीर मे रहता मन आत्म खुराक ईश्वरीय याद सात्विक भोग शरीर की जान अमृत बेला में उठना सीखो प्रभु से योग लगाना सीखो […]

साल कैसा यह रहा आंकलन जरूर कीजिए कोरोना से बच गई जान धन्यवाद प्रभु का कीजिए दुखाया है ग़र दिल किसी का माफी उनसे मांग लीजिए आहत जिसने किया तुम्हें क्षमा उसे कर दीजिए लक्ष्य किया था जो आपने कितना पूरा कर पाए उसे कितनो के आंसू पोछ पाये यह […]

गुजर गया 2020 ईयर 20-20 क्रिकेट मैच की तरह ही फास्ट बॉलर बना चाइना विकेट कीपिंग की भारत में रन बटोरे सुपर पावर अमेरिका से और चौके छक्के भी खूब लगवाए अन्य देशों से पब्लिक रह गई ताली , थाली बजाते फूल बरसते रहे उसके स्वागत में मोमबत्तियां भी जलती […]

करो शब्दो का तुम प्रयोग पड़ने वाला मंत्रमुक्त हो जाये। तुम्हारे लिखे शब्दो का दिल पर असर छा जाये। बिना तारीफ किये तुम्हारी वो बिल्कुल भी रह न पायेगा। और साहित्यकरो के प्रति दिलमें सम्मान जग जायेगा।। लोगो की दुश्मनीयां वाणी के शब्दो से मिट जाती है। दुश्मन भी दोस्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।