थल सेना के हम जवान, दुश्मन से कभी ना डरते हैं चौकीदार हैं हम भारत के, सरहद की चौकसी करते हैं। कड़कड़ाती सर्दी हो या, हो गर्मी कितनी भीषण। आँधी आए या आए तूफ़ान, हम कभी ना छोड़ें अपना रण। फौलादी सीने को अपने, भारत माँ की ढाल बनाते हैं। […]

राम को जपो श्याम को जपो जपो ब्रहमा विष्णु महेश को। पर मत छीनो लोगों से तुम उनके अधिकारो। राष्ट्र चरित्र का तुम सब कब करोंगे निर्माण? बहुत हुआ खेल अब जाती धर्म का देश में। कुछ तो अब शरम करो देश के निर्माताओं। कितने सारे त्यौहार एक तिथि पर […]

खगोलीय परिवर्तन का अनूठा पर्व है आज उत्तरायण मे पधारने पर नमन ,हे सूर्य महाराज यह शुभघडी है सदसंकल्प की जिसमे सफल होते हर काज़ बुजुर्गों के सम्मान का पुनीत अवसर यह कहलाता चरण छूकर बड़ो के हर कोई आशीर्वाद पाता मकर सक्रांति अवसर पर पात्र को जो करते दान […]

करे जो समय की कद्र समय उसकी कद्र करता है। क्योंकि जिंदगी में एक मौका हर किसी को मिलता है। जो इसका उपयोग करता है सफलता उसी को मिलता है । और नसीब वाला इंसान समाज में कहलाता है।। मंजिले यूँ ही नहीं मिलती राही को। थोड़ा सा जुनून जगाना […]

शांत चित जिसका रहे वही प्रभु के निकट रहे मिलता उसे मान सदा जो व्यर्थ से मुक्त रहे विकारो से जो ग्रसित न हो पावनता उसके निकट रहे देह तो सबकी नश्वर है क्यो इसके मोह मे रहे आत्मबोध मे रहते है जो प्रभु ध्यान उन्हें ही रहे जीवन का […]

मेरी जुबान तै मीठी नहीं सै पर मेरा दिल मीठा सै कभी भी कोई कुछ कह देवे तो उसका हो जावै सै यहां पर तो मैंने देख्या सै एक बड़ी अजीब सी दास्तां सै हंसला तो लोग जलै सै अर कठिनाई भुगता तो अनेक सवाल करे सै अपने ही अपने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।