होता है वो आदमी बहुत भाग्यशाली नसीब होती है जिसे ससुराल में साली लगे ग्रीष्म ऋतु में जैसे शीतल पवन वैसी ही लगती है वामांगी की बहन कुरूप व्यक्ति को भी कहती है मनोहर बुढ़ापे में भी लगती है साली सबसे सुंदर दामाद बिन बुलाए भी ससुराल चला आता जब […]
काव्यभाषा
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