अमरनाथ में शिव भक्तों पर कहर तोड़ने वालों। धर्म  आस्था  में हिंसा  का जहर  घोलने वालों। कायर हो तुम श्वान वंश के लानत तेरी हरकत पर। कायरता  भी  शर्मसार  है  तेरी  गंदी फितरत  पर। शिवभक्तों का लहू पुकारे अब तो जागो मोदी जी। निंदा नहीं मिसाइल अपनी अब तो दागो […]

बदरा छाए सावन के, लाए संदेशा साजन के। बरसे रिमझिम-रिमझिम, छू रहे तेरे भींगे आँचल से। छाए बादल काले-काले, तेरे नयनों के काजल से। झूम उठा मस्त पवन संग, तेरी कोमल छुअन सिरहन से। दूर कहीं बिजुरी चमकी, तेरे अधरन की फड़कन-सी। अल्हड़ नीर भरी नदियाँ सब, तेरे मदमाते अल्हड़ […]

क्या है  इन्द्रधनुष? रंगों के मेल-मिलाप से बना एक खूबसूरत एहसासl प्रकृति प्रदत्त मनभावन नजाराl जो भाता भी सबको है,और हर्षाता भी सबको है। देता भी है,गहरा सबक- छुपा है प्रकृति प्रदत्त हर जीव-निर्जीव में आनंद ही आंनद, जरूरत है सिर्फ समझने की और मेल-मिलाप के उसके अद्भुत गुण से तादाम्य […]

हर पल मैं हर लम्हा तुमको ही जीता हूँ, जीने में मरने में,तुमको ही खोता हूँ। बिन तेरे तन्हा-सा ,एकांकी फिरता हूँ, सब कुछ खोकर साथी, बेफिकरा लगता हूँ। मृग की में तिष्ण-सा,हर तरफा भगता हूँ, जीने और मरने में बस आहें  भरता हूँ। हर पल मैं,हर लम्हा तुमको ही […]

की ख़यालों में उजाला है वतन की शान वाला है, हुकूमत के गुरों की बंदगी आज़ान वाला है। नसीहत दे रहा है वो नसीहत को निभाएगा, कहे दुनिया भरोसे का अज़ी एहसान वाला है। मनाता है नहीं वो ज़श्न दिलों को जोड़ता है वो, कभी लंदन कभी यूरोप जाता मान […]

  तुझको ऐ ज़िन्दगी,इक रोज़ मैं छल जाऊँगा, मौत का हाथ पकड़  लूँगा निकल जाऊँगाl   सोने-चाँदी के हज़ारों से न सींचो मुझको, मैं ग़रीबों की दुआओं से ही पल जाऊंगाl   बंद मुट्ठी का भरम आप बनाए रक्खें, और कुछ रोज़ उम्मीदों में बहल जाऊंगाl   मत सुना चाँद सितारों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।