कितनी हंसी ठिठोली में दिन बीता है होली में पड़ गये गिरधर ग्वाल अकेले राधा की हमजोली में सारा रा रा शामिल अब है तेरी मेरी बोली है उसने जो पिचकारी मारी रख ली हमने चोली में मीरा हो गई घायल -घायल मेरे कान्ह की गोली में भाग न पाई […]
लोग मेरी मुस्कान का राज पुछते हैं I क्योंकि, मैंने कभी दर्द की नुमाइश नहीं की I जिंदगी से जो मिला कबूल किया I किसी चीज की फरमाइश नहीं की।। मुश्किल है समझ पाना मुझे I क्योंकि, जीने के अलग है अंदाज मेरे I जब जहां जो मिला अपना लिया […]
परमात्मा हर संकट हरते सदइच्छा हर पूरी करते बिन मांगे सब मिल जाता है प्रभु को पता चल जाता है वे ही है पालनहार हमारे लगते है हमको वे प्यारे आप समान बनाते प्रभु पतित से पावन बनाते प्रभु आत्म स्वरूप मे रहना सीखाते शांति सदभाव का पाठ पढ़ाते हर […]
गिरती रही उठती रही फिर भी चलती रही। कदम डग मगाए मगर पर धीरे धीरे चलती रही। और मंजिल पाने के लिया खुदसे ही संघर्ष करती रही। और अपने इरादो से कभी पीछे नहीं हटी।। गिरती रही उठती रही…।। ठोकरे खाकर ही मैं दुनियां को समझ पाई हूँ। हर किसी […]
खूब लड़ी मर्दानी बन झांसी वाली रानी बन कब तलक लाचार रहे तू अवंती सी कहानी बन रुकना नही बढ़ती चल धारा प्रवाह सा पानी बन उठा तलवार जुल्म से लड़ नम्र नहीं अब तूफानी बन हे नारी कब तक अपमान सहे तू अब शौर्य की निशानी बन किशोर छिपेश्वर”सागर” […]
गूँगे बैहरो की बस्ती में क्या बोलेगा सुनेगा कोई। बस अंधो की तरह बैठकर भीड़ बड़ा देगा। देख दृश्य यह आयोजक बहुत खुश हो जाते है। और अपने को स्वयं ही बहुत महान बताते है।। गूँगे बैहरो की बस्ती में क्या बोलेगा सुनेगा कोई..। नजारा आजकल ऐसा ही बहुत चल […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।