मैं हूँ सपनों का सौदागर, स्वप्न बेचता हूँ बेचता हूँ,आशाएँ उम्मीदें,अभिलाषाएँ छुपाकर सभी दाग, दिखाकर सब्ज़बाग एक भ्रमजाल बुनता हूँ। मैं हूँ सपनों का सौदागर, स्वप्न बेचता हूँ…………॥ दिखाकर भंगिमाएँ, कर कपोल कल्पनाएँ मिथ्या बुनियादों पर, हवाई किला बनाकर यादें सहेजता हूँ। मैं हूँ सपनों का सौदागर, स्वप्न बेचता हूँ…………॥ […]

सावन की घटाएँ, जैसे गौरी की अदाएं। पहले गरजती है, फिर वो चमकती है। घनघोर घटाएँ, फिर वो बरसती है। किसी के दिल को, ठंडक पहुँचाती है। पिया बिन गौरी के, दिल को जलाती है। पानी में भीग-भीग, तन जो हो गीला। मन मचल जाए, झूले जब झूला। ठंडी ये […]

ह्रदय  को  वो  चाहे जितना  समझा ले, फिर भी तो  उसको  थोड़ा  दुःख  होगा। देखकर  हाथों  की  गीली  मेहँदी  को, आज स्वयं उसका मुख भी बेमुख होगाll               कंधे पर जो हाथ कभी  रखती  थी वो, हरी सौ चूड़ियों  से  कल भर  जाएगा। चढ़ा हुआ जो आंख तलक  एक आँसू, […]

मेरे देश के नौजवानों,शक्ति के दीवानों.. क्यों देश में हिंसा फैली है  क्यों काली हुई दिवाली है, कहाँ गई खुशहाली है.. हम हर इंसान से पूछते हैं, वह पहला हिन्दुस्तान ढूँढते हैं।   लाचारी न थी कहीं,बीमारी न थी कहीं,  खुशियों के डेरे थे,बहारों के फेरे थे.. कौन यहाँ पर […]

वो बस एक पेड़ की तरह था, ऊँचे कद का जमीन से आसमान तक तना ही तना… एकदम चिकना रंगहीन पारदर्शी शाखाविहीन सिर्फ शीर्ष था बहुत घना, काला अभेद इतना,जितना मानसून से घिरा काला द्वीप बारिश की सारी संभावनाओं से रीता अभिशप्त जैसे सिर्फ उड़ने के लिए हल्की,काली,गन्दी हवाओं में; […]

न अँधेरों के किस्से न उजालों की बातें, कोई नींद में कर रहा है निवालों की बातेंl यहाँ भूख रक्स करती गरीबों के आँगन, अमीरों की आदत घोटालों की बातेंl कोई मन की बातें करता यहाँ पर, कहीं हो रही हैं सवालों की बातेंl कहीं भाई-चारे की चढ़ती रहती है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।