रामपुर का रामू घर के सामने खड़ा होकर उनका बड़े ही बेसब्री से इन्तजार कर रहा था। उनकी सेवाभगत करने के लिए कभी वह घर में जाता था कि, उनके खाने-पीने, रहने और बैठने की व्यवस्था देखने के लिए तो कभी बाहर आकर उनकी बाट जोहता। तभी रामू के पिता […]
काव्यभाषा
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