मिले सदा सम्मान ऐसे वचन बोलो मीठी हो वाणी उसमे मिस्री घोलो फिर देखो अपनत्व तुम्हे मिल जायेगा ईश्वर भी स्वयम तुम्हारे पास आएगा मिट जायेगा अँधेरा तुम्हारे जीवन से भाग्य का सूरज चमक जायेगा: श्री गोपाल नारसन Post Views: 386
अगर पूछे कोई मुझसे कि मेरा सपना क्या है तो मुकाम मुझे नहीं पता.. अगर कोइ कहे कि कल का क्या इरादा है तो शायद मुझे नहीं पता। रास्ते कुछ पता है, कुछ नहीं सड़कों को ढूंढ लूँगी मैं फिर भी कही से, बस इतना जरूर पता है कि हवा […]
लिखूं क्या मै,मुझे लिखना नहीं आता। दिल टूट गया है,इसे जोड़ना नहीं आता।। गया था गम भूलाने मै मयखाने मे। पर गम को मुझे भूलना नहीं आता।। कोशिश की थी यारो ने मुझे पिलाने की। मुश्किल ये थी वहां,मुझे पीना नहीं आता।। दिल के टुकड़े हुए हजार,सब बिखर गए। मुश्किल […]
पेड़ अपने अंकुर के साथ मुस्कुराते हैं कोमल पत्तियों और खिलने वाले फूलों की, अपनी क्षणिक अभिव्यक्ति के साथ शाश्वत प्रकृति। परमानंद और आनंद के साथ वसंत ऋतु! बहुत सारे रंग के साथ चमकदार रंगों। सुंदरता और महानता की भूमि, भारत, खुशी और शांति का रंग। राष्ट्र भावना का आनंद […]
बहू सास का रिश्ता मैं तुम को समझता हूँ। हर घर की कहानी तुम को मैं सुनाता हूँ। सुनकर कुछ सोचना, और कुछ समझना। सही बात यदि मैंने कही हो तो बता देना।। सास बहू का रिश्ता बड़ा अजीब होता है। बहू सास को माँ कहे तो रिश्ता प्यारा होता […]
मिले सभी को ठौर भटके न कही कोई ईश्वर रहे मेहरबान शान्ति जग में होई रहना है सुरक्षित तो आँख खोल लो भाई कुछ भी खरीदने से पहले उसे तोल लो भाई जागो ग्राहक जागो यही है हमारा नारा तभी रक्षित होगा आज और कल हमारा#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 534
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।