व्यर्थ चिंतन न किया करो समय यूं ही गवांया न करो बीता समय कभी लौटता नही पाप प्रायश्चित बिन छूटता नही पाप का दण्ड मिलता जरूर यही बना है ईश्वरीय दस्तूर हर एक क्षण पुण्य मे लगा दो परोपकार से भाग्य बना लो सदचिंतन से बदलेगी दुनिया स्वपरिवर्तन से सुधरेगी […]
काव्यभाषा
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