दिल के भाव जब पन्नों पर, मोती से बिखरने लगते हैं। रचती है प्यारी कविता तब, अरमान मचलने लगते हैं। हो जाए लाचार जुबाँ जब, तब कविता तलवार बनती है। दुनियाँ वालों के हर प्रश्न का, करारा जवाब ये बनती है। हर प्रेमी के प्रेम की सदा, आवाज ये बनती […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
गिरि-सरिता पूजन बुगुन, क्ष्यत्सोई त्योहार। उमंग मोथोंग, डिंग्खो, सफल फसल आहार।१। सम्मानित गांव- बूढा , गांव- सरकार सेतु। शांति, सहायता, सेवा, ग्रामीण न्याय हेतु।२। पश्चिम कमेंग में बुगुन, कस्पी, वान्हूं, बिछुंग। गिरि मांगोपा, नाम्फरी, बसे गांव शींचुंग।३। मार्फियो, लाली, फिन्या, सराई, ग्लो, फियोंग। क्ष्यत्सई, फम्खो, डींग्खो, गोम्पा में मोथोंग।४। बुगुन […]