दिल के भाव जब पन्नों पर, मोती से बिखरने लगते हैं। रचती है प्यारी कविता तब, अरमान मचलने लगते हैं। हो जाए लाचार जुबाँ जब, तब कविता तलवार बनती है। दुनियाँ वालों के हर प्रश्न का, करारा जवाब ये बनती है। हर प्रेमी के प्रेम की सदा, आवाज ये बनती […]

एहसासों के स्पंदन से भावनाओं के आवेग से शब्दों के चमत्कार से ध्वनि की लयात्मकता से प्रस्फुटन होता है काव्य का गढ़ जाता है संक्षिप्त में विस्तार के जज्बों को घटनाओं के उल्लेख को समाज की सर्वग्राहिता को अपने मौन संवादों को व्यक्त कर जन्म होता है एक कविता का […]

बेटी शानू को जन्मदिन की दिल से शुभ कामनाएं और देता हूँ शुभ आशीष। प्रगति के पथ पर चलकर करो नाम अपना रोशन। सबकी प्यारी सबकी दुलारी तभी हृदय में सबके बसती हो। और ख्याल सभी का बेटी जो तुम दिल से रखती हो।। घर आने पर दौड़कर पास आ […]

ब्रज में रंगों की हो रही बरसात गोप- गोपिका मिल खेल रहे होली साथ फाग मतवारौ मधुबन में मस्ती लायो रे बुड्ढों का बदला मिजाज फाग में फाग उत्सव ऐसा, धुआं उठ रहा बुझती आग में छाई मस्त बहार दिल हुए जवां रे बसंती रंगों के संग उड़े गुलाल गोरी […]

गूंजे मधुरमय गीत सदा हो दिन मंगलकारी सदा बना रहे स्वस्थ्य आपका सम्रद्धिमय जीवन आपका खुशियो भरे हो दिन सारे सुखमय हो परिवार हमारे सदइच्छा पूरी हो आपकी भाग्य में उपलब्धियां आपकी रहे ध्यान ईश्वर आपको सदा ऐसा कर्मयोग करिए सदा यह जन्म संवर जाए आपका परलोक संवर जाए आपका।#श्रीगोपाल […]

गिरि-सरिता पूजन बुगुन, क्ष्यत्सोई त्योहार। उमंग मोथोंग, डिंग्खो, सफल फसल आहार।१। सम्मानित गांव- बूढा , गांव- सरकार सेतु। शांति, सहायता, सेवा, ग्रामीण न्याय हेतु।२। पश्चिम कमेंग में बुगुन, कस्पी, वान्हूं, बिछुंग। गिरि मांगोपा, नाम्फरी, बसे गांव शींचुंग।३। मार्फियो, लाली, फिन्या, सराई, ग्लो, फियोंग। क्ष्यत्सई, फम्खो, डींग्खो, गोम्पा में मोथोंग।४। बुगुन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।