पहली बारिश में अपने तन-मन को भिगोता बचपन। प्रेमी के प्यार से अपने आपको बढाता बचपन। बोझ हंस-हंस के जिन्दगी का यूँ ढोता बचपन। कहीं खाना परोसता,कहीं बर्तन धोता, कहीं सडकों के फुट-पात पे यूँ अधनंग सोता। खेल की उम्र में बचपन को खोता बचपन। बोझ हंस-हंस के जिन्दगी का […]

वो आवाज था हर युवा का जन चेतना का संचार किया। राष्ट्र वाद का बोध कराकर विचार क्रांति का सूत्रपात किया। विश्व बंधुत्व का संदेश देकर नव युग का निर्माण किया। धर्म सभा मे हिंदुस्तान का ऊंचा नाम किया। है धन्य धरा भारत भूमि नरेंद्र को जिसने जन्म दिया, वह […]

तेरे ख़्वाबों से है वास्ता कोई इन निगाहों से है रास्ता कोई उसे देखके मैं खिल उठता हूँ बच्चे में बसा है फरिश्ता कोई हमें तो हर धर्म की तहज़ीब है मेरा वतन ही है गुलिस्तां कोई चाँद जो यौवन के उरूज पे है मेरे महबूब सा है शाइस्ता* कोई […]

मोहब्बत ऐसी थी की, उनको बता न सके, चोट दिल पे थी, इसलिए दिखा न सके / हम चाहते तो नहीं थे, उनसे दूर होना, मगर दूरी इतनी थी, की हम मिटा न सके // ये बेवफा साँस लेने से, तेरी याद आती है, ये बेवफा साँस न लू ,तो […]

स्वयं को आत्मा मान लिया स्वयं के बारे मे जान लिया शरीर तो एक यन्त्र मात्र है आत्मा का एक घर मात्र है पांच तत्वों का यह खिलौना स्थाई नही नश्वर मात्र है आत्म स्वरूप रहते है जो चमक नही खोते है वो परमात्मा याद उनको रहती खुशमिजाज रहते है […]

जो भगवान के भोग लायक हो वही खुद भी खाना चाहिए स्वयं भोजन करने से पहले भोग भगवान को लगाना चाहिए जिसने दिया है हमे खाने को उसको करना याद जरूरी है पिता हमारा है वह जग नियन्ता उसका करना धन्यवाद जरूरी है हम तो भोजन परोसते है उसे वह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।