सर्द रातें अब कमजोर पड़ रही हैं लोग घरौंदों से बाहर निकल रहे हैं आसमान भी अब साफ होने लगे हैं फिर भी बादल क्यों गरजने लगे हैं चौराहों पर चाय के दौर चल पड़े हैं समझा ! ये मौसम क्यों बदल रहे हैं टी वी पर भी चुनावी ढोल […]
गांधी तुम फिर आओगे जनमानस के पटल पर छुद्र स्वार्थ हटाओगे। जाति पाती ही ध्येय बना सत्ता के गलियारों का सत्य अहिंसा नारे बन गए जनता को भरमाने का बढ़ती पशुता नग्नता सी कैसी वैचारिक विषमता है मानवता शर्मिंदा होती ये कैसी समरसता है। चरखा पर हम सूत कातते स्वालम्बन […]
सूर्य की प्रथम रश्मि शैशव काल में लुढ़कते कदमों से चल पड़ती है बिना गन्तव्य सोचे कभी तेज कभी मंद कदमों से और आ पहुँचती है वसुधा के आँगन में। समृद्ध घर की बेटियों की तरह देखते ही देखते समय को पीछे ढकेलकर किशोरवयी हो जाती है। क्रान्ति की अनगिनत […]
ये लोकतंत्र का तमाशा मैं रोज़ यहाँ देखता हूँ मैं अँधेरे में रहता हूँ,पर कोई अंधा नहीं हूँ लगता है आप भाषणों से सब को खरीद लेंगे मैं बाज़ार में बैठा हूँ,पर कोई धंधा नहीं हूँ हैं जान बहुत बाकी अभी,यूँ जाया न कर मुझे मैं जनाज़े में तो हूँ,मैय्यत […]
विधाता ने क्या बनाया है , अपनों को ही अपने खेल से नचाया है / कितनी विचित्र सी बात है लगाती है , मनुष्य को धोखा, मनुष्य नही देता है / बल्कि वो उम्मीदे, धोखा दे जाती है , जो वों दुसरो से हमेशा रखता है // ये जिंदगी तमन्नाओ […]
दुनियां इतनी बेगानी क्यों है नफरत की कहानी क्यो है बहारें जाने कहां खो गई राहें इतनी वीरानी क्यों है खून से सने आ रहे अखबार बातें प्यार की पुरानी क्यों है दिल की तड़प कम होती नहीं आँखों मे इतना पानी क्यों है मरहम भी अब मिलता नहीं है […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।