शाम ढले तुम छत पे क्यूँ आते हो मुझे मालूम है चाँद को जलाते हो तुम से ही नहीं रौशन ये जहाँ सारा मुस्कुराकर तुम उसे यह बताते हो होंगे सितारे तुम्हारे हुश्न पर लट्टू गिराके दुपट्टा ये गुमाँ भी भुलाते हो हुई पुरानी तुम्हारी अदाओं की तारीफें रोककर सबकी […]

अगर तुम मचलना नही जानते हो, तो फिर इश्क़ करना नही जानते हो, ये गिर कर संभलने की बाते है झूठी, कभी जान अटकी कभी साँस टूटी, अगर दर्द सहना नही जानते हो, तो फिर इश्क़ करना नही जानते हो, सारे गमों को समेट साथ लेकर के चलना, कभी खुद […]

आई अभी चेतना भारी। वोट  डालते  मय तैयारी।। नील कंठ की जन जय बोलो। अपने मत  का  मान सतोलो।।१ अपना है अनुपम अधिकार। अपने  मत से  बने सरकार।। हम तब ही शिक्षित कहलाएँ। वोट  डालने  सब  जन जाएँ।।२ जन जन में फैला पैगाम। लोकतंत्र का हो सम्मान।। सब करना मतदान […]

जब जब स्वयं में , ‘मैं’ आ जाता विवेक स्वतः  हर लिया जाता देह अभिमान सिर चढ़ जाता अच्छा -बुरा समझ नही आता मिथ्या सोच ‘मैं ‘हो जाती करता तो ईश्वर है यह समझ नही आती ‘मैं’ ही प्रगति का अवरोधक बनती स्वयं के विनाश का कारण बन जाती अगर […]

——————— नीले नभ में चाँद चकोर विखेरे सौन्दर्य अनमोल टिमटिमाते ढेरों सितारे टुकटुक देखे नयन हो रहे विभोर। —————————- शीतलता विखेरे चाँदनी धरती आँचल फैला करे शोर तरूवर की लता नाच रहे वायु जब चले चहुँ ओर। —————————– मुग्ध कर रही मनोरम दृश्य उन्मुक्त हो बनी रहे सुन्दरता आजादी की […]

किस किस को, में खुश करू। और किस किस, की मै सुनु । कहने वाला सुनना, नही चाहता है। सुनने वाला कुछ, कहाँ नही सकता। विचित्र तमाशा है, इस दुनिंया का । जो एक दूसरे को, सुनना नही चाहते।। मान सम्मान सब को चाहिए । पर खुद देना नही जानते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।