भागती सी है ज़िन्दगी जल्दी पाने की होड़ है, अपना स्वार्थ है सर्वोपरि रोंदते औरों की नीड़ है| हर इंसान है थका-सा , फ़ुर्सत नहीं किसी के पास बढ़ती इच्छाओं की आपूर्ति से वह हो जाता हताश वह ठगा-सा रह जाता है जब इच्छाओं का होता दमन जो हर हाल […]
आँखो में अक्सर अपने तूफान रखों, यहाँ सिर्फ अपने काम से काम रखों, दिल से नफरतें बाहर निकाल फेंको, तुम दिल में प्यार मोहब्बत तमाम रखों, कोशिशें करते रहों आखिरी साँस तक, गिर कर उठना हरबार है ये जान रखों, ये मत सोचों चार लोग क्या सोचेगें, अपनी सोच को […]
अरे जीवन का प्रतिपल मर्म बताने वाले तुमको जीवन का ज्ञान हुआ है कहां अभी तक जो भ्रमित हुए तुम चले जा रहे इसी खोज में कि कहीं मिलेगा शांति वनों का घनसमूह औ उसमें फिर निर्मित कर कुटिया वहीं बसोगे कोहाहल हाहाकारो से मुक्ति प्राप्तकर जीवन मानव का सदा […]
“मम्मा! जब मैं पैदा हुई थी तो आपको अच्छा लगा था कि गंदा?” होमवर्क करते-करते दस वर्षीय रावी ने पूछा। “गंदा क्यों? घर में सबको बहुत अच्छा लगा था, सबको एक प्यारी सी डॉल जो मिल गयी थी, दादू ने तो पूरे अस्पताल को अपनी फ़ेवरेट मिठाई खिलाई थी और […]
चेहरे पर मुस्कान रह सके ऐसा सद्कर्म कीजिए पीड़ित हो अगर कोई दुख उसका हर लीजिए संवेदना मानवीय गुण है धारण इसको कर लीजिए अच्छा सोचकर आगे बढ़ो सुधार स्वयं में कर लीजिए परमात्मा चाहते है सबसे जीवन व्यर्थ न कीजिए जो भी सांसे मिली प्रभु से उनको हंसकर जी […]
सिसकता बचपन गिद्धों के झुंड में नोचते मांस पैशाचिक मंडियों में खबर नहीं खबरनवीसों को निकलेंगे कैंडल शहरी नहीं घटना घटी जो झुग्गी बस्ती में सरोकार उनसे है नहीं।। तौलते सम्मान इनका सियासत की तराजू में, घुटती मसलती कलियां आवाज गुम रुलाई में।। शर्मसार बाज़ार घूमते सियार घूरती हैवानियत जिल्लत […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।