अर्पिता और अमित के जीवन में सब कुछ बड़ा ही खुशहाल चल रहा था। शादी के 20 वर्ष बाद अपने काम से अमित बहुत खुश था और अपनी बिटिया अंकिता के लिए एक सुंदर भविष्य की कामना के साथ उसने उसकी पढ़ाई के लिए सेविंग […]

कविता लिखी नहीं जाती, कविता स्वत: जन्म लेती है। वास्तव में मन के उद्गार ही कविता है। कवि यथार्थ के धरातल पर बैठा हुआ कल्पना लोक में स्वच्छन्दता पूर्वक विचरण करता रहता है। कवि पीड़ाओं के गहरे समुन्दर को पार करता हुआ कल्पनारूपी पतवार से अबाध गति से आगे ही […]

यहाँ अब जीना भी मुहाल है ये सियासत की सब चाल है जो जवाब मालूम हो,वही पूछो इस माजरे का शिकार,सवाल हैं मिट्टी है सोना,सोना है मिट्टी न जाने ये कैसा गोलमाल है आप गलत देखें भी,बोलें भी किस बंदे में इतनी मज़ाल है इंक़लाब लेके आएँगें मजलूम अच्छा तो […]

सूरत में जिंदा जल गए बीस माताओ के लाल पूरा देश गमगीन हुआ पीड़ित परिजन बेहाल कैरियर बनाने गए थे आगज़नी ने ले ली जान हादसे का दोषी कौन है प्रशासन तक अनजान दिवंगतों को आत्म शांति मिले परिजनों को धैर्य महान हादसे के दोषियों को सजा मिले चाहे कितने […]

वो आकाश, वो चांद, वो सितारे, छत पर सोते देखे थे हमने नजारे । अब कहां वो सब हमारे नसीब में, बहुमंजिलोंं में बदल गऐ घर हमारे । जिन्दगी जी रहे हम भागदोड में, दिमाग चल रहा अब जोडतोड में । कहाँँ रहे अब वो मस्त हंसीठहाके, खुद को भूला […]

हाँ! बिल्कुल महाकुम्भ-सा जिसके आस-पास तैरता है प्रेम जिसके आस-पास घूमते है शब्द जिसके आस-पास मंडराती है आत्मा समान पर्वत के विशालकाय, जिसने निश्चलता को जिया है जो किया वही तो कहा है वही उसने लिखा है आत्मा भी जिसकी बोझ विहीन शरीर पर कोई लबादा नहीं है तमगे कोई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।