मैंने उनसे कहा कि “दद्दा जी,उधर बच्चे चमकी बुखार से मर रहे हैं,राष्ट्रीय शोक की घड़ी है और आपको क्रिकेट सूझ रहा है।” दद्दा जी ने भड़कते हुए कहा- “मैं अपनी मर्जी का मालिक हूँ,मैं चाहे ये करूं, मैं चाहे वो करूं या फिर मैं कुछ ना करूं,मेरी मर्जी !आप […]
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राघव कुटीर में समा गए सत्यमित्रानन्द महाराज ज्ञान,धर्म, अध्यात्म के थे पथप्रदर्शक संवाहक शंकराचार्य के रूप में समन्वयवाद की फैराई पताका भारतमाता का मन्दिर बनाकर राष्ट्रभक्ति से जुड़ गया नाता निर्धन,असहायों के पालक थे सन्त समाज के साधक थे पवित्रता की प्रति मूर्ति विकार मुक्त देवत्व थे शरीर छोड़कर चले […]
