कैसे कह दूं कि मैं पीता नही हूँ। रोज जीने के लिए में पीता  हूँ। जिंदगी में इतना सहा है हमने। न पीते तो कब के मर गए होते।। बहुत जालिम हैं ये दुनियां । बिन छेड़े लोग रह नहीं सकते। शांति से वो जीने नहीं देंगे। उन्हें जख्मो पर […]

वतन  के  दीवाने  निकल पड़े ! रंग अपना जमाने निकल पड़े !! ऐसे वीरों  को  शत शत नमन है ! लाज वतन की बचाने निकल पड़े !! मुसीबत सदा खुद ही सहते रहें वो ! और औरों  को  हँसाने  निकल पड़े !! देख लो कितने जांबाज है वो सिपाही ! […]

कुछ मैं कुछ तुम दिल पट खोले कुछ हद पार करेंगे। नदी नीर प्लावित पल्लव से संगम पथ अपनाती सागर भी लहरों से उठता क्योंकि नदी तरसाती पाट दिलों का मेट के अभी ऐसा    ज्वार  भरेंगे कुछ हद पार करेंगे। ओस छटा सी पावन, मन में खिलना है ऋतु […]

याद आते है जगदीश मनो की किताब में स्वर्ण पन्ना जोड़ दिया भारत के इतिहास में 17 वर्ष की अल्पायु में वत्स ने तिरंगा फैहराया था अंग्रेजों की गोलियों से वह राष्ट्रभक्त टकराया था मां जमुना, पिता कदम का वह दुलारा लाल था भारत मां की आजादी का जगदीश वत्स […]

खुद को सबसे दूर किया है उसने जब से मुझे मंजूर किया है उसने इश्क़ की राह इतनी आसान नहीं करके, जुर्म जरूर किया है उसने आँखें दरिया, लब समंदर हो गए हुश्न को ऐसे बेनूर किया है उसने खुद का अक्स साफ दिखता नहीं खुद को चकानाचूर किया है […]

जैसे पीने-पिलाने वालों के मजे होते हैं वैसे ही राजनीति में गिरने-गिराने के मजे होते हैं। राजनीति में गिराने वाला और गिरने वाला दोनों ही महान माने जाते हैं। राजनीति में आदमी गिरने से पहले पुरजोर कोशिश करता है कि वो किसी को गिरा दे और गिरे नहीं,राजनीति में तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।