दो जिस्म एक जान कभी हो ना पाए, हमेशा रहते हैं भीड़ में,अकेले हो ना पाएl कौन याद करता है बिछड़ने के बाद अब, हम तो चाहकर भी तुम्हें भुला ना पाएl हर किसी का वक्त बदलता है एक दिन जरूर, बस वक्त पर ही अधिकार सब जमा ना पाएl […]
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नई दिल्ली। विश्व पुस्तक मेले में साहित्यकार शिवकुमार बिलगरामी के ग़ज़ल संग्रह ‘वो दो पल’ का विमोचन किया गया। संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष डॉ.सत्यनारायण जटिया, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पानाचन्द जैन,दिल्ली के मौजूदा न्यायमूर्ति तलवंत सिंह,वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव एवं संपादक राकेश पाण्डे द्वारा प्रगति मैदान के […]
