झुर्रियों को केवल चेहरे की लकीरें ना समझें, अगर काबिल हो तो उनकी काबिलियत को समझें। जवानी में तो ये तुमसे भी सजीले नौजवान थे, जब चलते थे सीना तान के […]
जो बात है सही,वो छुपाई न जाएगी। झूठी कसम तो आपकी खाई न जाएगी॥ बस हादसे ही हादसे मिलते रहे मुझे। लिक्खी खुदा की बात मिटाई न जाएगी॥ चेहरे हैं बेनकाब यहाँ कातिलों के अब। लेकिन सजा-ए-मौत सुनाई न जाएगी॥ ज़ाहिद खुदा की ओर मुखातिब न कर मुझे। काफ़िर हूँ […]
हम हैं मिट्टी के दीए। बने हैं रोशनी के लिए॥ ऐ सघन तम, नहीं है कोई गम। हम जग को आलोकित, करेंगे हरदम॥ खुशियों की बारिश में भीगे जीवन। हृदय के मन्दिर में गूँजे धड़कन॥ कौन यहाँ छोटा है,कौन यहाँ बड़ा है। सांसों के सहारे ‘सावन’,संसार खड़ा है॥ रोशन हो […]
जाति-पाति को छोड़कर,गुरु देते हैं ज्ञान, साथ ही करते हैं दूर,आरक्षण का अज्ञान। हौंसले बुलंद हों शिष्य के,ऐसी प्रेरणा देते हैं, अबोध शिष्य के दिल की बात,तुरंत जान लेते हैं। गुरु और शिष्य का,बहुत ही पावन नाता है, ज्ञान ग्रहण कर शिष्य,बड़े-बड़े पद है पाता। गुरु का पद है बहुत […]
पन्नों पर लिखने से पहले, कविता मानस पटल लिखूँ। क्यों तन-मन में यह टूटन है, चटका मेरा भी दर्पण है क्यों जाते वो भूल व्यथा को, उपचार ‘अर्चना’,चिंतन है। घावों पर मलहम हो जाए, ऐसा अब नवनीत करुं। पन्नों पर लिखने से पहले, कविता मानस पटल लिखूं॥ देखो भू पर […]
मैं कहीं भी रहूं दर्द रहता मुझे, रो पड़ूँगा अभी ऐसा लगता मुझे। झेलते-झेलते मिट गई जिंदगी, वह कहां तक भला याद रखता मुझे। साथ देता बहुत मेरी तकलीफ में, आज यदि प्यार से कोई सुनता मुझे। सिर्फ मतलब में आवाज देते सभी, वर्ना अपना यहां कौन कहता मुझे। शर्त […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।