मुझे मत मिटाओ, मैं तुम्हारी कोख की नन्हीं कली हूं। उत्थान को तुम देखती, करके खुद का ही पतन कैसे रहती थाती तुम्हारी, गर नानी करती यही जतन जो जीवन मिला है तुमको, वो भी किसी का दान था सोचो जरा तुम सोचकर, किसे मारने चली हूं। ठानी है मारने […]
मोहब्बत को होंठों से पीने का सलीका सिखा। परेशां हैं लोग बहुत,तू मुझे जीने का सलीका सिखा। मोहब्बत को…॥ हो न जाए सरेआम सड़कों पर नीलाम। जरा तहजीब से पेश आ […]
मानव गया एक बार वन विहार को, ढूढंने मनोरंजन के कुछ आहार को वहीं मिला उसे एक ऐसा पक्षी, जो बोलने में था कुछ नकलचीl मानव बोलता था जैसा-जैसा, वह बोल सकता था कुछ वैसा देखकर मानव बड़ा चकित हुआ, फिर सोचा कि यह तो उचित हुआl मनोरंजन का अच्छा […]
विरद श्याम प्यारे निभाते नहीं क्यों ? पुकारें स्वजन किन्तु आते नहीं क्यों ? बढ़ाते रहे चीर हो द्रौपदी की, यहाँ रोज़ ही नारियाँ लुट रही हैं। बिना लाज के मारते भ्रूण-कन्या, बिना बात गायें यहाँ कट रही हैं। तुम्हें गाय-बछड़े हमेशा से प्यारे, उन्हें मौत से आ […]
`संक्षिप्तता` जब हुई तो थाली बजी कांसे की, सजा हुई थी उसे जांचें की। संक्षिप्तता ने सुमन खिलाए हैं खुशहाली के, अन्तरआत्मा से तृप्तित अश्रु बह रहे हैं, घरवाली के। संक्षिप्तता की अभिलाषाएं, अंतरिक्ष में उड़ान भरने की हैं। हर क्षेत्र में संक्षिप्तताएं पनप रही हैं आज, इसी में छिपा […]
हवाओं से कहना तुम, तीव्र वेग से बहते हुए जाएं। इन बेरहम घटाओं को, दूर कहीं छोड़ आएं। पर कहना उनसे, यहीं पास ही एक गरीब सोया है। बिन बात न शोर मचाएं, उसकी नींद में खलल बन अभी न उसे जगाएं। उसकी छोटी-सी कुटिया में, परी-सी एक बिटिया […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।