बहुत करते हो तुम मुझसे शिकायत फैसला होगा करूँगा इश्क़ फुरसत से न शिकवा ही गिला होगा। बहुत करते हो तुम मुझसे शिकायत फैसला होगा। मिटेंगी दूरियाँ दिल की तेरे नज़दीक आऊँगा बिठाऊँगा मैं पलकों पर तेरे सपनें सजाऊँगा करूँगा इश्क़ फुरसत से न शिकवा ही गिला होगा। बहुत करते […]

आगे बढ़ने की अंधी दौड़ मे पीछे छूट गए जीवन उसूल धन ही सब कुछ हो गया अपनापन कही गए है भूल कभी कोई काम न पड जाये इस डर से टिके है रिश्ते वर्ना स्वार्थ की हंडिया मे कब के पक गए अपनत्व के फूल जिसे देखो वही गैर […]

दहकती धरती को देखकर, लाशों के ढेर की गिनती करते रो रहे है, राम और रहीम कल अचानक बवाल उठा, बिच चौराहे पर लड़ पड़े दो इंसान, भीड़ की संख्या बढ़ने लगी जनता दो धड़ो में बंटने लगी। अरे! जो लड़ रहे है ,वे इंसान नही है, कुछ हिन्दू कुछ […]

करके जल्दी से तैयारी, शाला पढ़नें जायेंगे । चित्र बनें हैं जहाँ मनोहर, मन अपना बहलायेंगे ।। पुस्तक-काँपी लेकर झटपट, सीधे शाला जाना है । ध्यान लगाकर सच्चे मन से, सबक हमें तो पढ़ना है ।। कितना अच्छा मिलता भोजन, देखो तो शाला जाकर । खेल-कूद भी तरह-तरह के, देखो […]

जहां में सबको देख-देख कर, मैं भी सीख गया बात बनाना, रिश्ते-रास्तों की समानता देख, मैं भी सीख गया रिश्ते निभाना। आंखों के काजल को चुराकर, मैं भी सीख गया आँख चुराना, अपने को ही बेगाना बनाकर, सीखा गैरों को अपना बनाना। सभी मालिक!मैं हूँ एक गुलाम, अपने आदरणीय मालिकों […]

अपना कौन पराया कौन विपदा ही बताती है अपने पराये के भेद को अच्छी तरह समझाती है विपदा आने पर जो साथ छोड़ते अवसरवादी कहलाते है जो विपदा मे साथ निभाते सच्चे हमदर्द कहलाते है आँख मूंदकर विश्वास करे जो धोखा उन्ही को मिलता है विपदा आती बिना बुलाये चैन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।