झूठ बोलकर संख्या बल का खेला जमकर उन्होंने खेल विधायको को बिकाऊ समझ लगा रहे थे उनकी सेल संविधान के रक्षक गवर्नर अपनी गरिमा भी गंवा बैठे अपने आकाओ के कहने पर कमजोर को सीएम बना बैठे सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम आदेश कलई उनकी खोल बैठा सत्ता का नशा काफूर […]

एक पत्नी ने अपने पति से आग्रह किया / कि वह उसकी छह कमियाँ बताए ? जिन्हें सुधारने से वह बेहतर पत्नी बन जाए / पति यह सुनकर हैरान रह गया / और असमंजस की स्थिति में पड़ गया  ? सोचा कि मैं बड़ी आसानी से / उसकी ६ बातों […]

भारतीय रेल हमारे आवागमन का आधार स्तंभ है। इसके बिना जीवन की परिक्रमा अधूरी रहती क्योंकि इस धूरी से उस धूरी की दूरी तय करने में लौहपथगामिनी का कोई शानी नहीं है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक फैले भारत वर्ष को हमारी रेल ने एक बना के […]

ईमान धर्म सब भूल गए कुर्सी रही बस याद जैसे भी हो कुर्सी मिले चाहे देश हो जाये बर्बाद संविधान ने दिया है जिनको महामहिम का ओहदा वे ही पक्षपाती हो गए कर रहे सत्ता का सौदा गोवा,मेघालय,मणिपुर मे चला गठबंधन का जादू कर्नाटक मे गठबंधन गलत बोल रहे गवर्नर […]

सोचते भी हो हमे एक पल के लिए कभी भूलते ही नही हम तुम्हे एक पल के लिए भी। कि न खुद से भी कभी जो हमने  मोहोबत तुम्ही को बेहिसाब भेजते है।  शिद्दत से पाला थाजिंदगी को  सांसो का अपनी अपनी हिसाब भेजते हैं। समझोगे दिल की बेचेनिया शायद […]

रास्ते सूने – वीरान पड़े हैं ,     प्यार की मंज़िल मिलती नहीं ।   दिख़ते हैं इस भीड़ में सब,        एक बस तू ही दिख़ती नहीं ।।  जिस्म तो हरक़त में है पर,        सांसें हैं जो चलती नहीं ।   रोज़ मिलन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।