मैं हिन्दू तू मुसलमां ये सिख वे ईसाई क्यों झगड़े आपस में जब हैं भाई-भाई सब का खून आपस में मिला क्यों नहीं देते? उजड़े हुए गुलशन को खिला क्यों नहीं देते ? जो वतन की आन खातिर जान देते हैं मातृभूमि को जो ऐसा सम्मान देते हैं उनकी देशभक्ति […]

आशीष जो पाते बड़ो का जीवन बनता उनका खुशहाल जो अनादर करे बुजुर्गो का समाज न दे उनको सम्मान बुजुर्ग हर किसी को बनना है आज नही तो कल बनना है जो व्यवहार चाहते हम अनुज से वही व्यवहार बडो से करना है जिसने भी बडो का मान बढ़ाया उनको […]

मुझसे हुई आखिर क्या? बात है, तुझसे कभी ना हुई मुलाकात है। अब तो तेरा दीदार पाने को, ये जीवन जैसे वनवास है।। अधूरा चांद, अधूरी रातें, अधूरी यादें, अधूरी तेरी मेरी हर बात है। तुम मुझसे दूर हुई इस कदर, तुम समझी ना कभी मेरा जज़्बात है। तू सिर्फ […]

इस बार लौटना तो संपूर्ण होकर , बहती धाराओं के साथ लौटना । क्योंकि किसी का लौट आना समय की कैद से लौटना होता है, क्योंकि प्रेम की तीसरी आँख की तरह मृत्युजंय होता है किसी का लौट आना किसी का लौट आना इंतजार करने से ज़्यादा घातक हो जाता […]

नकारात्मकता मन से निकालो सकारात्मकता मन मे बसा लो परिवर्तित जीवन हो जायेगा सबकुछ अच्छा हो जाएगा नकारात्मकता जीवन पर भारी तनाव करता हम पर सवारी बीमारियो को निमन्त्रण देता शांति मन की हर लेता सारी सकारात्मक सोच अच्छा बनाती जीवन मे खुशिया ले आती कोई पराया न रहे इस […]

हिन्दू को न हिन्दू कहना, मुस्लिम को न मुस्लिम कहना, सिक्ख को न सिक्ख कहना, ईसाई को न ईसाई कहना, अपना धर्म उससे भी बड़ा है मानव हूँ, ‘मानवता’ धर्म है। हिन्दू को न हिन्दू कहना, मुस्लिम को न मुस्लिम कहना, सिक्ख को न सिक्ख कहना, ईसाई को न ईसाई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।