खुद को इस कदर तैयार करते हैं चलो  मुश्किलों को  पार करते हैं हौसला होना आसमां छूने के लिए क्यों न कोशिश बार बार करते हैं मिलेगी कामयाबी एक दिन जरूर क्यों न पैदा कुछ ऐसे आसार करते हैं हम मंजिलों पर नजर रखने वाले फ़िक्र(चिंता) को दर किनार करते […]

मत सोचो कि आज किसी एक माँ का बेटा फौजी बना हैं। आज तो भारत माता का सीना पूरी शान के साथ तना है।। खाकी पहनी और कंधे पर बंदूक यौवन उसका गदराया है। उसकी हुंकार के आगे तो देखो दुश्मन ने शीश झुकाया है।। माँ की याद समेटे है […]

हारे के सहारे आ जा, तेरा भक्त पुकारे आ जा / हम तो खड़े तेरे द्वार, सुन ले करुणा की पुकार –२ आओ नाथ पार्श्वनाथ आओ नाथ पार्श्वनाथ / आओ नाथ पार्श्वनाथ आओ नाथ पार्श्वनाथ // कोई सुनता नहीं, अब में क्या करूँ / दर्द दिल की दसा जाके किस […]

सावन – झूले मैके  याद दिलाते खुशियाँ  लाते सावन –  बाट जोहती हैं  बेटियाँ झूले का पाट मेघा गरजे झमाझम  बारिश धरा हरषे गायब हुआ पुराना वो सावन मनभावन रक्षा बन्धन संवेदना  का पर्व नेह  -बन्धन आओ  झूम लें पानी में  खूब भीगे घृणा  मिटाएं सावन- झूले बाबुल   याद आये […]

परेशानियों के डर से जीना छोड़ दें, कष्ट हों तो क्या जिंदगानी छोड़ दें, लोग साथ न दें तो चलना छोड़ दें, आत्मविश्वास हो तो हर मिथक तोर दें, लड़कर परेशानीयों को पीछे छोड़ दें, हम केशव हैं! क्या हार के डर से लड़ना छोड़ दें? गरीबी,बेरोजगारी मजबूरी की बात […]

तुम्हें बस ख़बर ही नहीं है वर्ना गुनाह यहाँ रोज़ होता है इस हुश्न की चारागरी में तो इश्क़ तबाह यहाँ रोज़ होता है ज़ख़्म सहने की आदत है सो दुआ फ़ना यहाँ रोज़ होता है भीड़ में होके भी आज इंसाँ बेवक़्त तन्हा यहाँ रोज़ होता है ज़िन्दगियाँ यूँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।