जलाभिषेक से शिव हो गए प्रसन्न जल बचाने का इसलिए करो जतन जल ही जीवन है हैअकाट्य सच व्यर्थ यदि बहा तो नही पायेगा बच एक एक बूंद कीमती समझो अमृत समान जिस जल से शिव साधना उसको अमूल्य मान जल संरक्षण का लो संकल्प,यही विकल्प। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन […]

इस जहां में किसी को कोई ढंग का न मिला। मुझे तुझ सा न मिला तुझे मुझ सा न मिला।। मैं तो धुत हूं अपने ही गम के नशे में साकी। कि होश में आ जांऊं, तू और मुझको न पिला।। बड़ी मुश्किल से बनाए हैं तिनका तिनका चुन के। […]

किससे भय है मुझको,पापा! न आग से, न पानी से, न शेर से, न चीता से, न भूत से, न बेताल से, न किसी आपदा से, सबसे सामना कर लेते हैं हम। तुमने तो ही सिखाया है,पापा! कि मुश्किलों से डटकर मुकाबला करो । मैं करुँगी, और करती हूँ । […]

संदर्भ:- 15 अगस्त    भारत को ब्रिटिश सरकार से छुटकारा दिलाने के लिए कई क्रांतिकारियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए तब जाकर हमारा देश आजाद हुआ। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में तांत्या तोपे, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने अपने प्राणों की बाज़ी लगा दी थी। आज़ादी की […]

इन खुली फ़िज़ाओं में जो आज़ाद लहर बहती है वो चीख़-चीख कर हर एक से बस यही कहती है घर-बार, दौलत-शोहरत सब तो तुम्हें दे दिया है बस मेरी जगह ही तुम्हारे दिल क्यों नहीं रहती है जिन हाथों को सौपा था अपनी जिम्मेदारियों को वो हाथ आज तलक भी […]

बकरी का सबसे बड़ा योगदान बकरे पैदा करना। बकरी की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। अब किसकी सुरक्षा ज्‍यादा जरूरी है बकरी या बालिका की। बालिका गृह में सुरक्षित नहीं और बकरी कहीं भी। बकरी ने देश को इतने बकरे दिए। बकरे किसी ने किस्‍तों में काट लिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।