हिंदी की इस उर्वरा भूमि में हिंदी के अनेक सुगंधित पुष्प खिले जिन्होंने मॉरीशस सहित विश्व में हिंदी की सुगंध को फैलाया है। वे न केवल हिंदी के प्रचार-प्रसार में लगे हैं बल्कि हिंदीभाषियों की नई पीढ़ियाँ तैयार करने में जी – जान से जुटे हैं। बाल – मन को […]

पंच तत्व से बना शरीर पंच तत्व मे मिल जाता है ज्योति बिंदू स्वरूप आत्मा इसी से स्थाई नाता है जो भी कर्म करेंगे हम यह आत्मा ही भोगेगी शरीर तो नश्वर है प्यारे सदा साथ नही निभाता है मेरी मानो जग को समझो कौन कहा से आता है आत्मा […]

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तिमिर हुआ रुखसत रात का स्वर्णिम भोर स्याह को हर ले ऊषा झांक रही झुरमुट से आ उसको बाहों में भर ले.. बीती जो बातें कल की थीं आज को अपने उज्जवल करके.. ऊषा झांक रही… स्वपन चुनौती गया है देकर सच करने का साहस कर ले ऊषा झांक रही.. […]

भारत की माटी के कण-कण में महक तुम्हारी | जन – जन  के कल्याण की जननीति तुम्हारी || सदा सुगंधित रहेगी यादों की बगिया प्यारी-प्यारी | गौरवपूर्ण आस्था संविधान में रही हमेशा तुम्हारी || अद्भुत – मनमोहक,  शुद्ध – सरल  कवि  हृदय  ‘अटल’ | माँ भारती के सच्चे सेवक, हिंदी […]

आज अपने ही अंतर्मन में झाँक रहा हूँ। आज फिर अपने आप को नाप रहा हूँ।। आरोप दूसरे पर हर पल करता है ये मन। क्यों ये अपना ही करता नही आंकलन ।। क्यों ये दुसरो के कर्मो को तराजू में तोलता है। दूसरे पलड़े में खुद को रखकर क्यों […]

दिल कहूँ दिलबर कहूँ दिलदार दिलरूबा कहूँ, कभी तुम्हें सनम कहूँ कभी तुम्हें खुदा कहूँ, ============================ हमसफर तू हमकदम तू हमदम तू हमराज़ तू, तुमको ही मंज़िल कहूँ तुमको ही रास्ता कहूँ, ============================ मौजूद ना होके भी तू हर वक्त मेरे पास है, महबूब मेरे किस तरह मैं तुझको बेवफा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।