हिन्दी मेरा  परिचय  हैं हिन्दी मेरा विद्यालय हैं । हिन्दी बचपन का झूला हिन्दी मेरा शब्दालय हैं ।। हिन्दी गंगा-हिमालय हैं हिन्दी मेरा  देवालय  हैं । हिन्दी जवानी की तासीर हिन्दी मेरा सृजनालय हैं ।। हिन्दी  मेरी  मथुरा  हैं हिन्दी मेरी काशी पुरा हैं । बुढापे की  यह सहपाठी हिन्दी […]

राष्ट्रभाषा को समझने से पहले राष्ट्र, देश और जाति शब्दों को समझना असमीचीन न होगा। वस्तुत: ‘राष्ट्र’ को अंग्रेज़ी शब्द ‘नेशन’ (Nation) का हिन्दी पर्याय माना जाता है, किंतु इन दोनों शब्दों में कुछ अंतर है। अंग्रेज़ी में ‘नेशन‘ शब्द से अभिप्राय किसी विशेष भूमि-खंड में रहने वाले निवासियों से […]

होकर हालात का शिकार बदल जाती है नीयत का क्या है बार-बार बदल जाती है ========================== करती है वादे सारी ज़िंदगी के ये दुनिया चलके साथ कदम दो-चार बदल जाती है ========================== पहले तो बनाती है आशना हमें अपना धीरे-धीरे छीन कर करार बदल जाती है ========================== बुझने से पहले […]

विश्व हिन्दी दिवस का पावन पर्व मुबारक हो उर्दू,मराठी,मलयालम बंगाली,तेलगु,कन्नड़ भी क्षेत्रीय भाषा साथ चले ऐसा संवाद मुबारक हो अंग्रेजी से हमे बैर नही पर प्रभुत्व उसका स्वीकार नही हिन्दी गौरव हमारा है उसका अपमान बर्दाश्त नही हिन्दी राष्ट्र सम्मान बने ऐसी अभिलाषा मुबारक हो संसद मे भी हिन्दी चले […]

हिंद के इस सरजमीं पर, अंग्रेजों का ताना-बाना है। राजभाषा को तुच्छ समझते, ये कैसा मनमाना है।। हिंदी से ही सभ्यता, संस्कृति, संस्कार, हिंदी से ही हम सब की परिपाटी है। पुरा समय से भारत मां की वंदन करती, हिंदी से ही हिंद की अनुपम माटी है।। हिंदी और हिंद […]

जज्बात कभी कुछ इस तरह उभरते हैं। करने को बयां उनको अल्फाज नहीं मिलते हैं। जब उठती है दिल में कसक कोई तो दिल बेकाबू हो उठते हैं। नही मानता ये दिल किसी रस्म कोई बंधन किसी रिवाज को बस जो है अपने मन में वही करने को मचल उठते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।