बून्द-बून्द सी टपक रही है जिंदगी। हर पल हर दम रिश रही है जिंदगी।। चट्टानों सा खुद को समझने वालों, छोटे कंकरों में बिखर रही है जिंदगी। रिश्तों का बांध टूट कर बह रहा है। शैलाबो के बहाव में बह रही है जिंदगी।। घर की नींव में छलावों की रेत […]

दर्पण तू साँची कहइ , झूठइ जग सब लोग। किरच किरच हो जात है,साँच यही संजोग।। साँच सहन नहि कर सकै,जग पाखंडी धूर्त। दर्पण दोष करार दइ , लखइ न अपणो मूर्त।। दशरथ देख्यो आइनो, रामहि राज विचारि। रामलषनसिय वन गये,वै परलोक सिधारि।। .               दर्पण थारी साँच सूँ , खिलजी […]

मैं यूँ तो बेसाख़्ता होके जी नहीं सकती गर मुझे आँचल दिया है तो औजार भी दे किताबी बातों से कब मिटी है आग पेट की गरीबों को रोटी ही नहीं,आँखों में अंगार भी दे कहाँ जाएँगी ये सारी ही तालिमशुदा जवानियाँ इनके हुनर की नुमाइंदगी को कोई बाज़ार भी […]

मेहनत करके जीना सीख। मत माँगो फैलाकर भीख। ध्यान लगाकर करो कमाई। छानों घर पर छाछ मलाई।। जो फोकट की ले मजदूरी। कभी न होती कामना पूरी।। मेहनत से हो गदगद सीना। वही मिले जो प्रभु है दीना।। मेहनत की एक सूखी रोटी। फीका लगता हीरा व मोती।। ध्यान मगन […]

जब भोर हुए आना।, जब शाम ढ़ले आना / संकेत प्रभु का तुम भूलना जाना, जिन्नेंद्रालाये चले आना / जब भोर हुए आना।, जब शाम ढ़ले आना / मैं पल छीन डगर बुहारूंगा, तेरी राह निहारूंगा / आना तुम मंदिर, दर्शन को , श्रीजी की पूंजा तुम दिन करो / […]

थामकर दामन ,छुड़ाना नहीं ! वादा करो कभी भुलाना नहीं !! अहम होते है मोहब्बत के रिश्ते !  गम  देके  कभी  रुलाना  नहीं !! मेरी जिंदगी के तुम्ही हमसफ़र हो ! हाले दिल हमसे कभी छुपाना नहीं  !! मिलाई  है तुम्हारी  नजर से नजर ! मिलाके नजर फिर झुकाना नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।