छोड़कर घर द्वारा अपना / आ गए आपकी शरण में / अब अपनाओ या ठुकरा, मुझे मेरे गुरुवर / जब से दर्शन किये तुम्हारे / और सुने प्रवचन तुम्हारे / तब से ही वैराग भाव उमड़ रहा है / तभी तो सब कुछ छोड़कर / आत्म कल्याण के मार्ग पर […]
_भरी दुपहरी में सूर्य के ताप को सहती, जिसके तन पर कपड़े भी मजबूरी ने फाड़ रखे हो, चेहरे की झुर्रियाँ उम्र की ढलान की ओर साफ तौर पर इशारा कर रही है, जिम्मेदारियों का बोझ उठाते-उठाते थके हुए कंधे जो पति के आवश्यकता के समय साथ छोड़ कर गौलोक […]
जगदंबे-जगजननी जगत की महारानी किये सोलहवों सिंगार भव्य रूप है तुम्हार माथे टीका है सजा सिंदुर से मांग है भरा गले में हंसुंली सोहे झूमका मन को मोहे कर में कंगन की चमक कटि-किंकिणी की दमक बोले रुनझुन पायलियां बाजे बिछुआ पैजनियां गुड़हल-सी लाल- चूनरी सबके हृदय बस रही धर […]
यह महफिलें यह रौनकें सब छोड़ो साथियो और तनिक मष्तिसक पर ज़ोर डाल कर सोचो यहाँ कोई लेखक कागद कलम दाल रोटी के जुगाड़ में जिम्मेदारियों के बोझ तले दब कर कर देता है कतल अपने भीतर बैठे रचनाकार का। जहाँ आतंकवादियों से जूझते हुए हो जाता है रोज़ाना शहीद […]
नवरात्र पंचम दिवस विशेष कविता रुप सौंदर्य लिए अद्वितीय आभा स्कंद कुमार (कार्तिकेय)की माता । चार भुजा कमलासन पर विराजे पुत्र नाम से कहलाई स्कंद माता ।। विशुद्ध मन को शुद्ध करती माता करती हर मुराद पूरी स्कंद माता । संतान प्राप्ति की मनोकामना भी करती पूरी जो भक्त द्वार […]
नवरात्र चतुर्थ दिवस स्वरूप माँ कूष्माण्डा विशेष कविता मंद – मंद मुस्कराकर माँ ने ब्रम्हांड का निर्माण किया । नाम पडा हैं तब से कूष्मांडा पूर्ण धरा पर जो आज छाया ।। ब्रम्हांड में इनका तेज समाया सूर्यलोक में माँ ने मुकाम पाया । है सारी सृष्टि इनसे आलोकित माँ […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।