माँ शब्द मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा गुमान हैं, माँ ही मेरी जिंदगी और माँ से ही मेरी पहचान हैं, अंधेरों से उजालों तक के इस सफर में, मशाल बन कर मेरी माँ ने दिया बहुत बड़ा योगदान हैं, हर मुसीबत से बचाया मुझे,जिंदगी जीना सिखाया मुझें, हर कदम पे […]
परमात्मा से जब शरीर रूप पाया तब हम सभी शून्य ही तो थे चेहरे की आकृति थी शून्य, कल्पना शून्य,भाव शून्य, ख़्वाहिशें भी शून्य थी। शून्य से सफर शुरू हुआ था, शून्य पर विदाई भी होगी यही है गणना का आधार धरा,नभ का आकार शून्य सा, आदि से अंत तक […]
कुछ लोग आजकल घमंड में कुछ इस तरह चूर हूँ। उड़ना चाहते हवा में,फिर भी जमीन पर चलने को मजबूर है।। कुछ लोग आजकल शातिर कव्वे सी नजरे चला रहे है। बनना चाहते भला,फिर भी कभी ना कभी चोट ही पहुँचा रहे है।। कुछ लोग आजकल शतरंज की बिसात बिछा […]
-संदीप सृजन तमाशा तो वही चलता निरंतर पांच सालों तक। जमूरा और होता है मदारी और होता है।। इन पंक्तियों के लेखक, स्वातंत्र्योत्तर हिंदी काव्य के विकास में पिछले पांच दशक में जिनका अनवरत योगदान रहा, श्रेष्ठ कवि एवं लोकप्रिय ग़ज़लकार चंद्रसेन विराट 15 नवम्बर को अपनी अनंत यात्रा पर […]
(राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर विशेष) संविधान के प्रावधानों से इतर लोकमानस में चौथे स्तंभ के तौरपर स्थापित प्रेस आज भी अन्य स्तंभों से ज्यादा विश्वसनीय, सहज और सुलभ है। समस्याओं से घिरा आम आदमी सबसे पहले अखबार के दफ्तर में जाकर फरियाद करता है। थाने, दफ्तरों और भी सरकरी गैर […]
अचानक ही मेनका के पति ने उस पर हमेशा की तरह हाथ उठाया लेकिन ये क्या घ् आज चिन्टू ने उसके हाथ को जोर से पकड़ लिया, बोला अब नही बस बहुत हो लिया, आज के बाद मां को हाथ भी लगाया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा समझ लेना […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।