माटी पर माटी लिखना है जितना आसान उतने ही रिश्ते बनाना है बाए हाथ का काम पर बने रिश्तों को निभाना होती है बड़ी चुनौती पानी पर पानी लिखने की जैसे कठिन होती है रीति राम के सेतु की तरह लिखा जा सकता है पानी पर पानी प्रेम और भाईचारे […]

गुरुदेव प्रार्थना है ,अज्ञानता मिटा दो / सच की डगर दिखा, गुरुदेव प्रार्थना है / ॐ विद्यागुरु शरणम , ॐ जैन धर्म शरणम / ॐ अपने अपने गुरु शरणम // हम है तुम्हारे बालक, कोई नहीं हमारा / मुश्किल पड़ी है जब भी, तुमने दिया सहारा / चरणों में अपने […]

जिन्दगी जीना यूं सिखायेगां कौन, मुझ जैसा सबको मनायेगां कौन!! महज बात ही हो मेरी कही अगर, तो आलोचकों को सम्भाल पायेगां कौन! हर बार झुकते आये है हम ही, इस बार झुक कर दिखायेगां कौन! है हालात खराब अब मेरे बहुत, उनको बेहतर बना पायेगा कौन? जान ही तो […]

.               एक दीप उनका का भी, रख लेना पूजा की थाली में। जिनकी सांसे थम गई थी, भारत माँ की रखवाली में.!! एक दीये की आशा लेकर, अन्न  दाता  भी  बैठा  है। । राज तो पहले रूठ रहा, अब राम भी जिससे रूठा है। निर्धन का कोई धर्म न होता, […]

दीपावली है दीपों का त्योहार दीप जलाकर ही मनाइए पटाखे चलाने से प्रदूषण होता यह जरूर समझ जाइए ध्वनि,वायु,कचरा प्रदूषण बन जाते जी का जंजाल कही बीमार परेशान होते कही नवजात हो जाते बेहाल ध्यान सभी का रखकर दीपों की माला सजाइए मिटे जिंदगी से सारा अंधेरा ऐसी ईश्वरीय जोत […]

मुझे मत दिखा अभी ये चाँद सितारे मैं किसी की निगाहों से अभी उबरा नहीं हूँ जब से तुम्हारी निगाहों का सूरमा है मेरी आँखों में तब से फिर खुद को मैने सँवारा  नहीं है मत कर मुझे इतिहास में यूँ तो दफ़्न अभी मैं पुराना लम्हा तो हूँ पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।