आओ दोहा सीखलें,शारद माँ चितलाय। सीख छंद दोहा रचें,श्रेष्ठ सृजन हो जाय।। ग्यारह तेरह मात्रिका, दो चरणों में आय। चार चरण का छंद है,दोहा सुघड़ कहाय।। प्रथम तीसरे चरण में,तेरह मात्रा आय। दूजे चौथे  में गिनो, ये ग्यारह रह जाय।। चौबिस मात्रिक छंद है,कुलअड़तालिस होय। सुन्दर दोहे जो लिखे, सत […]

स्वपरिवर्तन करने से विश्व परिवर्तन हो जायेगा देह अभिमान त्यागने से देही सोमान हो जायेगा समय,संकल्प,बोल को व्यर्थं से समर्थ मे बदल डालो जो ऊर्जा बची है आत्मा मे सेवा उसी से कर डालो विक्रम इसी से खत्म होंगे सद्कर्मो की बहेगी ब्यार कलियुग यूं ही मिट जायेगा सतयुग की […]

चिड़िया रानी चिड़िया रानी सूने हैं सब कुआँ बावड़ी आजकल नहीं आती हो कहाँ मिल जाता है पानी तरस गई हैं घर की मुँढेर और सकोरे तरस गये नहीं आई हो कब से तुम कितने सावन बरस गये रोज रोज जाकर देखता छत पर है क्या कुछ निशानी लेकिन जैसा […]

वो दोहरे किरदार में मिलते है नेता देखो तकरार में मिलते है दल बदलते ढंग बदलते अब बदलाव व्यवहार में मिलते है चला रहे अपनी ही मनमानियां गुण  जैसे  रंगदार में  मिलते है गुस्से पर भी अपने  काबू नहीं सीन सारे अखबार में मिलते हैं गरीबों से वास्ता कहा रखते […]

दिन आये मेरे यार चुनावों के| चर्चे होंगे दिन रात हिसाबों के|| कोई कर्जा माफ़ करेगा, कोई गलियां साफ करेगा| वोटों के बदले में कोई, तेरी जेबें खूब भरेगा|| कोई मारे रोज बांग दुआरे पे| दिन आये मेरे यार चुनावों के|| दिन आये मेरे यार चुनावों के| चर्चे होंगे दिन […]

काया  तेरी  लगे मलय  सी,,, खुशबू  भरती है मन  में, जब दिल मिलने का होता है ,,  पहरे ही  घर आँगन  में। हुईं  इत्र की  तरह  सुवासित,,छुआ नेह से जब जब भी, गीली  मिट्टी  महके  जैसे ,,,,  महक रही हो तुम अब भी। आयत  और मंत्र  के  जैसी ,,  घुली […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।