खुद पे एतवार का चंद सवालों का झमेला यहाँ वक्त-वक्त का मेला रे। रोजी-रोटी-मकान का यहाँ झमेला रे। भूख की जात नहीं रोजी-रोटी की बात नहीं नंगे पांव चलते-चलते छाले का झमेला रे। तन ढका नहीं मन पढ़ा नहीं कह दिया नंगा रे, बात बात का झमेला रे। सर्दी गर्मी […]

अंहकार किसी का हो कष्टदायी ही होता है राम कभी नही बनने देता बस रावण हो जाता है राम जैसा भेष बना कर जो जनता बीच आये थे ऊंचे ऊंचे स्वप्न दिखाकर जनता को ठग गए थे वही भहरुपये भूल गए जनता से किये वायदों को किसान,मजदूर बेहाल हुआ व्यापारी […]

मेरा प्यारा भारत ऐसा हो , जहाँ गंगा जमुनी तहज़ीब पले , धर्म के नाम पर ना हों दंगे,  हर चेहरे पर मुस्कान खिले।  बेईमानी भ्रष्टाचार के दीमक से,  हो जाए मुक्त भारत प्यारा,  गरीबी बेरोजगारी दूर हटे,  ना रहे कोई खुद से हारा। मेरा देश ना बने कभी , […]

ये पब्लिक है  सब जानती है । भाजपा का परंपरागत वोट बैंक हिंदी भाषी प्रदेश रहे है , इसे इस तरह नही लिया जा सकता कि कांग्रेस ने उसमे सेंध लगा दी अपितु इसे इस तरह लिया जाना चाहिए कि घर के बुजुर्ग ने लाठी दिखा कर अपने वंशज को […]

कांग्रेसमुक्त भारत का नारा देनेवाले नरेंद्र मोदी को क्या अब मोदीमुक्त भारत के लिए तैयार होना होगा ? इन पांचों राज्यों में अभी जो चुनाव लड़े गए हैं, वे किसके नाम पर लड़े गए हैं ? किस चेहरे को सबसे बड़ा चेहरा दिखाया गया है ? किसकी उपलब्धियों के ढोल […]

“जीना-मरना, मरना-जीना, ये तो सब ईश्वर का खेला, नेकी की बस राह चलें हम, ये दुनिया तो है इक मेला।। रोज ही होते नये तमाशे, कठपुतली सा नाच-नचाते, इतनी कठिन डगर जीवन की, हर आदमी लगे अकेला।। उसकी रहमत सब पर बरसे, यही दुआ हम करें हमेशा, सुख-दुःख की है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।