पैदा तो सब इंसान हुए फिर हिन्दू मुसलमान हुए जन्म लिया सबने आदम सा अब क्यों सब हैवान हुए? जात धर्म को लेकर झगड़ें क्या इतने नादान हुए? मानव ही हम सबसे पहले क्या इससे अंजान हुए? कुछ लोगों के बहकावे में क्या हम हैं शैतान हुए? नर में ही […]
1. आधार कार्ड बताता है सबका सच्चा रिकार्ड 2. बंद गुफा से निकलते हैं नेता पाँच साल में 3. जरूरी काम करें निराकरण प्राथमिकता 4. सब बढ़ाओ मेहनत करके काबिलियत 5. बिन लक्ष्य के बेकार हो जाती है सारी कोशिशें परिचय:- अशोक कुमार ढोरिया मुबारिकपुर(हरियाणा) Post Views: 32
चार दिनों की चांदनी मिली है अपनों से क्यों व्यर्थ्य गमाये जा रहा इस ख़ुशी के पल को / वैसे तो कौन किसका होता है इस ज़माने में सब को अपनी अपनी पड़ी है दौलत कमाने में / जब से मिला है तुझे मौका पैसे कमाने का / तो कमाए […]
हिन्दी भक्ति काव्य मीराबाई, कबीर और संत रविदास ने रचे थे | वो शिक्षा में पारंगत न होने के बावजूद एक उमदा भक्ति काव्य समाज को दिया गया है | सामाजिक चेतना और आध्त्यात्मिकता की ओर ले जाने वाले ये हिन्दी भक्ति काव्य ने भारत में संस्कृति का सिंचन किया […]
मैं जब अस्तित्व में आया तो जैविक प्राणी था, हिंदी भाषा ने विभिन्न चरणों में परिष्कृत करके व्यक्तित्व युक्त किया। किसी व्यक्ति की पहचान में उसकी भाषा अहम होती है जो सम्प्रेषण द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को जोड़ती है। देवभाषा संस्कृत आचार्यों के गुरुकुलों से बाहर निकलते समय […]
आज वो भी जुल्म के शिकार हुए जो जुल्म किया करते थे भगवान की भी हम जात देख लेंगे सरे आम कहा करते थे इनको न काशी न ही कुम्भ की कोई समझ थी कभी जो गंगा को हिन्दू और यमुना को मुसलमान कहा करते थे भाईचारे की राख और […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।