व्यंग्य मॉर्निंग वॉक के वे आदी हैं। कोहरे की परत वाली ठंड में भी वे आर्मस्ट्रॉन्ग की तरह लदे चले आए। बोले- ‘निकलो भी रजाई से।’ मैंने कहा- ‘इस बार तो ठंड बर्फानी-सी है। बिस्तरस्थ रहना ही बेहतर है।’ शरीर पर तीन-चार गरम कपड़े, सिर पर मोटा-सा टोपा और गले […]

सुषमा व्यास राजनिधि, रमेश चन्द्र शर्मा और यशोधरा भटनागर की कविताएँ इन्दौर । मालवा अपने स्वागत, सत्कार और आतिथ्य के लिए जग में प्रसिद्ध है। यहाँ की स्वागत परम्परा हमेशा से ही महनीय और लोकलुभावन रही है। नववर्ष में मालवा के इन्दौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन होने जा रहा है, […]

है मेरी सरकार, सुन लो यह पुकार है मेरी बैठी मजबूत सरकार फिर कैसे हो रही दरकार झारखंड में सम्मेद शिखर जी, की सुन लो पुकार हम जैनी कह रहे कैसी हो तीर्थो की पवितत्रता बरकरार ऋषि मुनियों के चिंतन का सार जैन सिंद्धान्त के रूप में हो तीर्थो का […]

झारखंड के गिरीडीह जिले में सम्मेद शिखर नामक एक जैन तीर्थ स्थल है। एक दृष्टि से यह संसार के संपूर्ण जैन समाज का अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह वैसा ही है, जैसा कि हिंदुओं के लिए हरिद्वार है, यहूदियों और ईसाइयों के लिए यरूशलम है, मुसलमानों के लिए मक्का-मदीना […]

इन्दौर। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष कवि अमित मौलिक जैन के पूज्य पिताजी सवाई सिंघई श्री संतोष कुमार जैन जी का देवलोक गमन मंगलवार मध्य रात्रि को हो गया है। अंतिम संस्कार बुधवार को इंदौर में संपन्न हुआ। जिनका उठावना गुरुवार को प्रातः 9:30 बजे निज निवास […]

मैंने सोचा क्यों ना आसमान से अपना हिस्सा मांगा जाए आसमान ने कहा हिस्से तो धरती के लगते हैं मेरा सबकुछ सबका है कोई प्लॉट साइज नहीं कोई बाड़ाबंदी नहीं जिसका ‘मन’ करे जब चाहे उन्मुक्त उड़ान भर ले। अर्द्धेन्दु भूषण इन्दौर, मध्यप्रदेश लेखक वर्तमान में शहर इन्दौर में कार्यरत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।