महावर लगाओ मिलन ऋतु आ रही मेहंदी रचाओ, मिलन ऋतु आ रही। चूड़ियां,कंगन चंद्रहार लाओ, सिर बोर सजाओ, मिन ऋतु आ रही। पावं बोलेंगे तब रुनझुन – रुनझुन, पायल पहनाओ , मिलन ऋतु आ रही। सुवासित सुमन वेणी संग गुथाओ, लट को सुलझाओ, मिलन ऋतु आ रही। सास ननंदिया संदेसा […]
