जो हमारे अपने थे वो हमसे दूर हो गए इस मुई महामारी से हम सब मजबूर हो गए कभी सोचा न था ऐसी घड़ी भी आएगी वो अस्पताल में रहेगे हम मिलने तक से मजबूर हो गए जिनके प्यार में हमने पलक पावड़े बिछाये सदा उन्हें देखने तक को हम […]

म प्र आगर मालवा के शासकीय उत्कृष्ठ उ मा वि मे कार्यरत साहित्यकार, योगी, लगनशील, परिश्रमी, प्रयोगधर्मी, नवाचारी शिक्षक डाॅ दशरथ कुमार गवली ‘मसानिया’ का जन्म 13 मई 1966 को एक ग्वाला समाज के निर्धन परिवार में हुआ। जन्म के दो वर्ष बाद ही पिताजी ने संयास ले लिया,अतः माता […]

हर रात सुलझा कर सिरहाने रखते है जिंदगी। सुबह उठते ही उलझी पड़ी मिलती है जिंदगी।। सुलझा सुलझा कर थक जाते हैं हम ये जिंदगी। थकती नहीं ये जिंदगी,सुला देती हमें ये जिंदगी।। बेवफ़ा हम नहीं,बेवफ़ा हो जाती है ये जिंदगी। भरोसा इस पर कैसे करे,बे भरोसे है ये जिंदगी।। […]

परीक्षा के निकट आते ही छात्रों की दिनचर्या अनियमित होने लगती है जिससे छात्रों का समय व्यवस्थापन, खानपान, आराम का समय, खेलकूद, मनोरंजन सभी की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाता है। छात्रों के संवेगात्मक अवस्था में नकारात्मकता अधिक होने से उनकी संज्ञानात्मक क्षमताएं (सीखना, स्मृति, चिंतन, प्रत्यक्षीकरण व अन्य) ठीक से […]

अरमान दिलों में पाला नहीं जाता अब तो खुद को सम्हाला नहीं जाता चारों ही तरफ दहशत का मंजर है हादसा हो कोई तो टाला नहीं जाता जीत और हार की किसे परवाह यारों अब तो सिक्का भी उछाला नहीं जाता थकने लगे है पांव लंबा है सफ़र बहुत पथरीली […]

सबसे करिए प्रेम जगत में अपना हो या हो पराया सब ईश्वर की सन्तान है ईश्वर का हो सब पर साया पंचतत्व से बनाई सृष्टि दिया अनूठा उपहार सबको वही पालक है इस दुनियां के अजन्मा निराकार कहते उनको जीवन मरण से परे वे रहते तभी तो वे परमात्मा कहलाते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।