परमविदुषी मधुराका जीवन संकट से उभर गई जो कष्ट आए थे जीवन मे उनसे अब वह निकल गई परमात्मा ने सुन ली अरज दूर कर दिए सारे मरज रोग से आराम उनको दिया सुखद एहसास हमको दिया नारी जगत की प्रेरक वह नारीत्व सम्मान जग ने दिया प्रभु दिल से […]
मैं कल भी अकेला था आज भी अकेला हूं और संघर्ष पथ पर हमेशा अकेला ही रहूंगा मैं किसी धर्म का नहीं मैं किसी दल का नहीं सम्मुख आने से मेरे भयभीत होते सभी जानते हैं सब मुझको परंतु स्वीकार करना चाहते नहीं मैं तो सबका हूं किंतु कोई मेरा […]
यह प्रेम नहीं आकर्षण है तन – मन का घर्षण है प्रेम पूजा है, जाप है आकर्षण अभिशाप है मन से मन जब घुले- मिले तब प्रेम की कली खिले प्रेम है जीवन- सुमन का खिलना आकर्षण है मधुप -पुहुप का मिलना प्रेम में श्रृंगार है आकर्षण अंगार है भैया! […]
विपत्ति हो या विपत्तियां धेर्य एक मात्र सुअवसर है।जो सब से उत्तम विकल्प है।विपत्तियों पर विजय पाने की सदृड़ इच्छाशक्ति किसी भी अवसर से अति आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है। कोई भी योद्धा युद्ध में शरीरिक शक्ति से अधिक इच्छाशक्ति से विजय प्राप्त करता है।सर्वविधित है कि जीवन के किसी भी […]
क्योंकि मैंऔरत हूं,,,,, औरों में रत रहना मेरी नियति है तुम्हें टूटता देख मैं भी बिखर जाती हूंं किंतु नहीं,मुझे संभलना होगा तत्क्षण , मैं न टूट सकती हूं न बिखर सकती हूं क्योंकि मैं नहीं तो कौन सम्हालेगा तुम्हें? टूटना बिखरना यहां सबको आता है पर जोड़ना समेटना किसी […]
जब पति ऑफिस जाए तो पत्नी उसे अपनी मुस्कान से विदा करे और शाम को जब घर आए तो अपनी मुस्कान से उसका स्वागत।किन्तु आजकल तो पुरूष और स्त्री दोनों कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। अक्सर ऐसा भी होता है कि पत्नी पति से पहले दफ्तर जाती है। […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।