मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मे और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले डॉ. वेदप्रताप वैदिक ( जन्म- 30.12.1944) यायावरी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं. उन्होंने लगभग 80 देशों की यात्राएं की हैं. हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा रूसी, फारसी, पश्तो, जर्मन और संस्कृत के भी जानकार हैं. […]

जुबा पर अब तेरा ही नाम बार बार आता है। जुबा से एक शब्द भी निकलता नहीं समाने। ये कैसी मोहब्बत हम कर बैठे इस जमाने में। न तुम जानों मोहब्बत को न हम जाने मोहब्बत को। दिलो के धड़कनो को मिला बैठे अपने दिलो से। कभी तो रंग लायेगी […]

कहीं जब याद का मौसम आता है दिल में कोई कलियाँ नहीं खुलतीं जब दर्द की गंध दिल की सभी दीवारों को सूँघो दुखों के साधन पर उन्होंने इस तरह एक अनसुना गीत गाया वो सारे सपने उन आंखों से जैसे आंसू निकल आए तो मुझे याद है कि हम […]

जीवन बहुत अनमोल है रखिए इसे सम्भाल कर जरा जरा सी बात पर जीवन खतरे मे डालकर एक बार जीवन गया फिर हाथ न आएगा आत्मा कष्ट भोगेगी प्रभु नाराज हो जायेगा आत्महत्या करना एक जघन्य अपराध है जो जीवन से हार गया हो जाता वह बर्बाद क्रोध विवेक हर […]

अंतर के दर्पण में नव मीत बनाना बाकी है। नव सृजन कर छंदों का नवगीत सजाना बाकी है।। दुनिया के मिथ्या झगड़ों से खुद को बचाना बाकी है। रूढ़ियों और कुरीतियों से लड़ना अब भी बाकी है।। विश्वासों के भंवर जाल में जीना मरना बाकी है। असली और नकली चेहरों […]

गुजर गया 2020 ईयर 20-20 क्रिकेट मैच की तरह ही फास्ट बॉलर बना चाइना विकेट कीपिंग की भारत में रन बटोरे सुपर पावर अमेरिका से और चौके छक्के भी खूब लगवाए अन्य देशों से पब्लिक रह गई ताली , थाली बजाते फूल बरसते रहे उसके स्वागत में मोमबत्तियां भी जलती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।