आरक्षण के मुद्दे पर चुनावी राजनीति से प्रेरित मोदी सरकार ने दो सोचे समझे कुटिल कदम उठाये हैं| एक, जाति-आधारित जनगणना न कर, घोर जातिवादी सवर्ण मानसिकता को भुनाने के लिए| और दूसरा, 127वें संविधान संशोधन के माध्यम से, लुप्त होती सरकारी नौकरियों के परिप्रेक्ष्य में ओबीसी बन्दरबाँट पर अनुकूल […]

आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं । दी है जान वतन पर जिसने, उनको नहीं भुलाएं।। वीरों ने जो सपने देखें, पूरा कर दिखलाया और विदेशी गोरों को भारत से मार भगाया याद उन्हें कर अपना तिरंगा, नभ में हम फहराएं आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं ।। […]

कर्तव्य धर्मों में तीन प्रमुख माने गए हैं – वैयक्तिक धर्म, समाज धर्म और राष्ट्र धर्म । ‘वैयक्तिक धर्म’ व्यक्ति की सुख – सुविधा और विकास हेतु होता है । ‘समाज धर्म’ में व्यक्ति और समाज की प्रगति की बात सोची जाती है, जबकि ‘राष्ट्र धर्म’ में व्यक्ति, समाज और […]

बदज़ुबानी भी मेहरबानी भी आइने सी तिरी जवानी भी देख अपनो की बदगुमानी भी भूल बैठा वो ज़ीस्त फ़ानी भी इस मुहब्बत में है नशा इतना खो न दूँ होश दरम्यानी भी। आशियाँ को सवारने वाली पुरअसर माँ की हुक्मरानी भी। हौसले में भी मेरे पँख लगे सब सुनेगे मेरी […]

शिक्षा में मातृभाषा अपनाई जाएगी, तब ही राष्ट्र की युवा पीढ़ी स्वाभाविक रूप से अपने जीवन के हर क्षेत्र में देश की सभी भाषाओं को बिना आग्रह के अपना लेगी। नयी शिक्षा नीति में देश की सभी भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की ओर बिना विलंब ध्यान दिया जाना […]

धरती मैय्या टीकी जिनके फनों पर विष्णु जी बैठे शेषनाग की शैय्या पर । कृष्ण ने नाग के सहारें की यमुना पार नाग सुशोभित है भोलेनाथ के गलें पर ।। जन्मेजय ने किया जब नागों का दाह संस्कार आस्तिक मुनि ने किया नाग वंश का उद्धार । पंचमी पर ही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।