परीक्षा और प्रमाण का चोली दामन का साथ है, यहाँ प्रमाण की आवश्यकता प्रत्येक को होती है और होनी भी चाहिए। बिना प्रमाण के अपने शिशु से भी आपका रिश्ता तय नहीं हो सकता। परीक्षा लेना और उसके बाद प्रामाणिक करना हमारे भारत में सनातन काल से चला आ रहा […]

भारत की फौज देखकर,चीन अब LAC से हटने लगा है। अभी तो रूस से जहाज आए नहीं,पहले से ही डरने लगा है।। भारत ने अभी कुछ कहा नहीं,चीन अभी से घुटने टेकने लगा है। अभी तो तोपो का मुंह खोला नहीं,अभी से वह डरने लगा है।। भारत ने अभी तोप […]

की अपना देश है महान। जिसमें रहते सर्वधर्म इंसान। विश्व में अलग ही है पहचान। जिसे लोग कहते हिंदुस्तान। ये देश है बहुत महान।। जो नारी की लाज लूटते है। नहीं उनको देते है सम्मान। चाहे वो मुल्ला हो या महाराज। नहीं है देश में इनका स्थान। ये हिंदुस्तान छोड़ […]

अमृतसर की पावन धरा पर एक दिव्य कन्या ने जन्म लिया राधे नाम से पुकारी गई वह देवी शक्ति का उदभव हुआ परमात्मा शिव की लाडली बेटी ननिहाल सिंध में जा पहुंची ओम मण्डली के सत्संग से जुड़ दादा लेखराज की बन गई बेटी युग परिवर्तन करने को परमात्मा ने […]

मन की गाँठें खोले हिन्दी। जीवन में रस घोले हिन्दी।। मैं भी बोलूँ, तुम भी बोलो। मन से जन-जन बोलें हिन्दी ।। जीवन में रस घोले हिन्दी। धरती बोले, अम्बर बोले। सरिता बोले, सागर बोले।। बूँद बोले, महासागर बोले। पवन बोले, सुमन बोले। झूम-झूम के ‘सावन’ बोले। मन का ताला […]

अभी- अभी ही संदेश आया- ‘ गुंजन विधवा हो गई’ इस खबर ने सुनहरे ख़्वाबों को कोहरे- सा ढक लिया। अभी – अभी मेरे सामने ही तो उसका किसलय फूटा था उसने गुलाबी लालिमा के साथ इस दुनियावी आब को स्पर्श किया था और अभी शंखध्वनि गूंजी कि उसे सौंपा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।