ये कौन लोग है ? जो फ्रांस में मजहबी नारा लगाकर एक शिक्षक का गला काटने वाले आतंकी के समर्थन में भारत मे बड़ी संख्या में फ्रांस का विरोध कर रहे है ? क्या यह कोई षड़यंत्र है, जो घटना किसी भी देश की हो, हिंसा व उग्र प्रदर्शन भारत […]
चले थे साथ मिलकर किसी मंजिल की तरफ। बीच में ही साथ छोड़कर निकल लिए और के साथ। अब किस पर यकीन करें इस जमाने में साथ के लिए। हर तरफ स्वार्थ ही स्वार्थ हमे आज कल दिखता है।। मिला था जब दिल हमसे तो कसमें खाते थे तुम। सात […]
वाह रे सियासत तेरी महिमा न्यारी! आज देश की क्या स्थिति है वह किसी से भी छिपी हुई नहीं है। कोरोना के कारण सुराक्षा हेतु लगाए गए लाकडाउन ने पूरी तस्वीर उजागर कर दिया। देश की आर्थिक स्थिति क्या है। देश का प्रत्येक नागरिक कितना सशक्त है एवं मजबूत है […]
साहित्य की गंगोत्री से लेकर छोटी-छोटी नहरों तक की यात्रा से आप परिचित होंगे। शुचिता और पथ पर अवरुद्ध होते हुए भी कितनी नदिया प्रसिद्धि के सागर में मिली, यह भी आप जानते हैं। वर्तमान परिदृश्य देखिए। हम क्या लिख रहे हैं और क्यों लिख रहे हैं। इतना लिखने के […]
अखंड भारत के निर्माता सरदार वल्लभभाई पटेल गुजरात के खेड़ा जिल्ले में 31 अक्टूबर 1875 मे जन्मे थे, उन्होने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था, बार डॉली सत्याग्रह मे नेतृत्व के रूप में सफलता हासिल की थी इस लिए महिला ने उनको सरदार की उपाधि से […]
मन को लगाके पढ़ना,मेहनत भी खूब करना, मिल जाएगी सफलता ,याद तुम ये रखना। आए जो कोई मुश्किल, याद मुझको करना। मैं साथ हूं तुम्हारे, हरपल ये याद रखना। मन को लगाके पढ़ना,मेहनत भी खूब करना, मिल जाएगी सफलता ,याद तुम ये रखना। माना कठिन हैं राहें , खुद पे […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।