परंपरा का आधार ऊर्जा शक्ति अपार। पाते स्वास्थ लाभ करते योगाभ्यास तन का आधार रोग मुक्त का द्वार एकाग्रचित मन शुद्ध तन निर्मल । जीवन है अनमोल दे दो कुछ पल। दे आत्म शुद्धि इससे बढे बुद्धि । चंचल मन बस में रहे पास न आवे कुबुद्धि। पौराणिक पर गुणी […]

जिसने न कभी विश्राम किया स्वेद बहाकर हमे पहचान दिया दिखाया नही अपना दुलार पर दिल में छुपा प्यार रहा हर दर्द को सीने में छुपाये जमाने के झंझावतों से हमे बचाये आँखों में गुस्सा पर ह्रदय में अनुराग ऐसा है मेरे पिता का प्यार ऊँगली पकड़कर चलना सिखाया जमाने […]

वतन की चाह में जो मगन हो गया तिरंगे में लिपटा जिनका बदन हो गया शत शत नमन वीर सपूतों को हमारा तिरंगा ही जिनका कफन हो गया लाडले ही रहे अपनी माँ पिता के नतमस्तक जिनका गगन हो गया बात ही क्या करें उनके हौसलों की निछावर जिनका तन […]

इस अस्त व्यस्त से, भरे माहौल में। पत्नी बच्चे आशा, लागाये बैठी है। की कब आओगें, अपने घर अब तुम। अब तो आंखे भी, थक गई है। तुम्हारे आने का, इंतजार करते करते।। महीनों बीत गए है, तुम्हे देखे बिना। बच्चे भी हिड़ रहे है, तुमसे मिले बिना। की कब […]

करते है नमन शहीदों को, जिन्होंने अपनी जान गवाई। अपनी जान देकर उन्होंने, ना एक इंच जमीन गवाई।। कैसे ऋण चुकाए,उनका हम अब आज। करे बहिष्कार सभी,चीनी सामानों का आज।। हुई है हाथापाई, गलवान घाटी में आज। सुनकर खून खोल रहा हैं हम सबका आज।। निहत्थों पर चीनी दुश्मनों ने […]

जिस जीवन मे संघर्ष नही वह जीवन तो बेमानी है कदम कदम पर अवरोधक पार करना ही जिंदगानी है वह जीवन भी कैसा जीवन जिसमे फूल ही फूल खिले हुए कांटो का नामोनिशान न हो खुशबूओ से मन लबरेज रहे रोटी,कपड़ा,मकान की फ़िक्र हमें आगे तक ले जाती है एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।