जैन धर्म मे पर्युषण महापर्व को सभी पर्वों का राजा यानि पर्वाधिराज कहा जाता है। लौकिक जगत के जितने पर्व आते है, उनका मुख्य उद्देश्य भौतिक समृध्दि के लिए साधना करना होता है। लेकिन पर्युषण पर्व के दौरान लौकिक और भौतिक समृध्दि के लिए कोई साधना नहीं की जाती वरन […]

न जीत हूँ न मरता हूँ न ही कोई काम का हूँ। बोझ बन कर उनके घर में पड़ा रहता हूँ। हर आते जाते पर नजर थोड़ी रखता हूँ। पर कह नही सकता कुछ भी घरवालो को। और अपनी बेबसी पर खुद ही हंसता रहता हूँ।। बहुत जुल्म ढया है […]

पल्टू बाबा सरकारी मुलाजिम ठहरे। पैदा होने से लेकर नौकरी तक पठार में की। बाढ़ क्या होता है उसके बारे में उन्होंने सिर्फ अखबारों में पढ़ा था। पहली बार उन्हें सरकार ने निर्देश दिया कि वे बाढ़ग्रस्त इलाके में जायें और बाढ़ पीड़ितों की मदद करें। जिस बाढ़ग्रस्त जिले में […]

देश के हलात खराब है,क्या करोगे तुम देखकर | कुछ लोग देश बेच रहे है,रो पड़ोगे तुम देखकर || नाम नहीं लेता हूँ मै उसका,खुद ही समझ जाओगे | दुश्मन देश में शूटिंग होगी,अपने देश को छोड़कर || देश प्रेम है केवल दिखावा,मन में उसके कुछ और है| लोगो को […]

सबके घर में चूल्हा जले सबके घर हो खुशहाली कोई खुशी से मनाए ईद कोई खुशी से दीवाली जातपात और धर्मभेद यह अलगाव की बाते है ईश्वर ने फ़र्क किया नही फ़र्क गैर इंसानी बाते है रक्त की कोई जाति नही न ही धर्म का बंधन है फ़र्क किस बात […]

हाँ, मैं स्त्री हूँ अपने होने के वजूद पर गर्व करती हूं मुझे नहीं बनना बुद्ध, राम और श्याम मुझे तो अपने यशोधरा, सीता और राधा होने पर गर्व है मैं क्यों छोड़ कर घर अपना भटकूं सत्य की तलाश में जंगलों में, वीरानों में मेरा सत्य तो मेरा परिवार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।