काल के कपाल पर लिखता हूँ… मिटाता हूँ गीत नया गाता हूँ…गीत नया गाता हूँ कितना भी लिखें… कितना भी पढ़ें…अटल गाथा पूरी नहीं होगी…जब से यह दुःखद खबर आई… वक्त की सुई ठहर सी गई है…मेरी कलम भी इन स्मृतियों से बाहर निकलना नहीं चाहती… संसद में अटल जी […]

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी… एक ऐसा नाम जिसने भारतीय राजनीति को अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से इस तरह प्रभावित किया जिसकी मिसाल नहीं मिलती। 1975 में मैं रक्सौल के हजारीमल उच्च विद्यालय का छात्र था। उसी दौरान उनका आगमन विद्यालय के प्रांगण में हुआ था। अपने प्रिय नेता को […]

  भाग-३……………… फिल्म उद्योग में सभी पेशेवर हैं,काम के प्रति समर्पित,समय के पाबन्द। अलग-अलग प्रदेश,अलग-अलग भाषा के लोग कितनी अच्छी समझ के साथ मिलकर काम करते हैं,मुंबई फिल्म उद्योग इसकी मिसाल है। इस बीच फिल्म्स राइटर्स एसोसिएशन की सदस्यता भी मुझे मिल चुकी थी। करीब दो सप्ताह के बाद एक रोज मैंने हरिवंशराय […]

  भाग-१ ………………… १९८२-८५ मेरे छात्र जीवन का व्यस्ततम समय थाl मोतिहारी के एम.एस. महाविद्यालय में बीएससी(ऑनर्स) की पढ़ाई चल रही थी। वहीं पंचमन्दिर इलाके में एक किराए के मकान में रहना होता था। भौतिकशास्त्र की जटिल पढ़ाई और परीक्षा की तैयारियों के बीच औसतन हर रोज एक कोई रचना […]

तुम्हारी दरकिनार जिंदगी से मुझे कोई शिकायत नहीं, लेकिन एक दर्द है जो अंजाने में मेरे दिल से निकलकर होंठों पर बरबस ठहर जाता है…। जिस साहिल पर हमने मुहब्बत के घरौंदे बनाए, आज वहां उड़ती हुई रेत के सिवा मुझे कुछ दिखाई नहीं देता, लेकिन इन आती-जाती हवाओं में […]

मुहब्बत जाम है या जहर जाने दो, इस आग के दरिया में उतर जाने दोl जो लम्हें साथ गुजरे वही जिंदगानी है, ये दिन ये महीने ये शामो-सहर जाने दोl अब तक जिस भुलावे में गुजरी है ये उम्र, उसी खयाल में बाकी भी गुजर जाने दोl तुम भी बेशक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।