हर साँस करू मै सुमिरन। नित सजाऊ चन्दन से भाल।। तुझको हो सर्वस्व अर्पण। हर – हर गंगे हे! महाकाल।। तन मन ज्ञान से हो समर्पित। काव्य-सुमन से सजी ये थाल।। हर इच्छा हो संपूर्ण हमारी। हर – हर गंगे हे! महाकाल।। बने नटराज स्वरुप मन। पहने भस्म,रूद्र और मृग-छाल।। विनाश हो अहंकार का। हर – हर गंगे […]