हम जमाने से सुनते आये है कि दुनियां हमेशा से बदलती रही है। अगर दुनिया नहीं बदले तो आदमी आगे नहीं बढ़ता है। दुनियां बदलती है तो आदमी भी बदलता है। दुनिया के बदलने से प्रगति की भी लहर आती है। इसी लिए मेरा मानना है कि कोरोना भी बदलाव […]

कोरोना ने लोगों को बता दिया है कि कोरोना से लड़ना है तो ऑनलाइन चलना है। बगैर ऑनलाइन चले कोरोना से दो-दो हाथ नहीं किया जा सकता। सामान खरीदना है तो ऑनलाइन खरीदो। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से भी लड़ना है तो ऑनलाइन डाक्टरी सलाह पर निर्भर रहना होगा […]

पहले कहावत हुआ करता था धन-धरती की लूट है लूट सके तो लूट, अंतकाल पछतायेगा जब प्राण जायेगी छूट। लेकिन अब तो धन धरती की लूट की बातें पुरानी हो गयी। अब तो जिसे देखो ऑक्सीजन लूटने में लगा हुआ है। दमोह के एक अस्पताल में जैसे ही ऑक्सीजन पहुंचाने […]

रामलीला का आज अंतिम दिन था। दर्शक राम-रावण युद्ध देखने के लिए जुटे हुए थे। वैसे भी मारधाड़ वाली फिल्में देखने में लोगों को बड़ा मजा आता है। यही कारण था कि आज रामलीला में दर्शकों की अच्छी-खासी भीड़ जुटी थी। हर कोई इस उम्मीद में बैठा था कि राम […]

बिहार के चुनाव में मछली मारक दल के गठबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। अगर इस दल का गठबंधन चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता में आयेगा और यहां के लोगों का समुचित विकास करेगा। उक्त बातें मछली मारक दल के प्रमुख मसरख लाल एक चुनावी सभा […]

उस दिन मुझसे बेटी ने कहा-पापा घर में आप अंडरवियर और बनियान में इधर-उधर न घूमा करें क्यों कि मोबाइल पर अब स्कूल घर पर आ गया है। कल मोबाइल पर मिस मुझे पढ़ा रही थी तब आप अंडरवियर और बनियान में मेरे पीछे घूम रहे थे। यह दृश्य देखकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।