हर-हर महादेव शिव शंकर हे!बैरागी हे!चन्द्रशेखर नाग वासुकी कण्ठ सुशोभित मस्तक पर द्विज चन्द्र है सुंदर गौरी के गौरव हे! अविनाशी मृत्यंजय हे!गिरि के वासी कांप उठे सब तीन लोक तब डम-डम डमरू नाद करे जब शीश जटा सोहे किलोल भरी अभिषेक करे पावन जल से भस्मों का श्रृंगार किये […]